क्या हम करेंगे सनातन की रक्षा, धर्मांतरण को रोकने के लिए विहिप नेता सुरेंद्र जैन ने उठाए गंभीर सवाल?

सारांश
Key Takeaways
- सुरेंद्र जैन ने चर्च पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- धर्मांतरण के खिलाफ हिंदू समाज की सख्त प्रतिक्रिया।
- नियोगी आयोग जैसी जांच की मांग।
- सत्य की खोज में हिंदू धर्म का योगदान।
- दक्षिण भारत में सनातन संस्कृति की मजबूती।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने ईसाई चर्च और मिशनरियों पर धर्मांतरण सहित कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में केंद्र सरकार से मांग की कि चर्च के कथित अपराधों की जांच के लिए नियोगी आयोग जैसा एक कमिशन गठित किया जाए।
उन्होंने कहा कि पहले भी विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल पर झूठे आरोप लगाए गए थे, लेकिन तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने संसद में स्पष्ट किया था कि वे दोषी नहीं हैं।
सुरेंद्र जैन ने कहा कि भारतीय संविधान धर्म के पालन की आजादी देता है, लेकिन चर्च अपनी पहचान छिपाकर हिंदू बस्तियों में गतिविधियां चलाता है।
उन्होंने सवाल उठाया, “पादरी सामान्य कपड़े पहनकर हिंदू बस्तियों में क्यों जाते हैं? अगर कोई गलत इरादा नहीं है, तो अपनी पहचान क्यों छिपाते हैं? हिंदू समाज ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा और धर्मांतरण का विरोध जारी रखेगा।
सुरेंद्र जैन ने छत्तीसगढ़ में तीन आदिवासी लड़कियों को कथित तौर पर आगरा ले जाने के मामले में ननों की गिरफ्तारी को जायज ठहराया और कहा कि पीड़ित लड़कियां स्वयं कह रही हैं कि उन्हें जबरन ले जाया जा रहा था। हालाँकि, ननों को जमानत मिलने के बाद बिशप कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने हिंदू संगठनों पर शोर मचाने का आरोप लगाया।
उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा कि चर्च पर पहले भी मानव तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
विहिप नेता ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में ‘हिंदू आतंकवाद’ के कथित षड्यंत्र को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म सत्य की खोज और शिक्षा के विस्तार की बात करता है, न कि अज्ञान की बेड़ियां बांधता है।
उन्होंने दक्षिण भारत में सनातन संस्कृति की मजबूत जड़ों का जिक्र करते हुए कहा, “सनातन का जीवंत स्वरूप दक्षिण भारत के मंदिरों में दिखता है। सनातन अमर था, है और रहेगा। कोई इसका बाल भी बांका नहीं कर सकता।”