क्या छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने विपक्ष से संसद में चर्चा की अपील की?

सारांश
Key Takeaways
- विपक्ष को संसद में खुलकर चर्चा करनी चाहिए।
- आतंकवाद जैसे मुद्दों पर ठोस बातचीत जरूरी है।
- राजनीतिक संवाद से ही समस्याओं का समाधान होगा।
- जम्मू-कश्मीर की स्थिति में बदलाव की आवश्यकता है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
रायपुर, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने विपक्ष पर संसद में चर्चा से भागने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा के लिए 16-16 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। लेकिन, विपक्ष इस चर्चा से बच रहा है। उन्होंने विपक्ष से कहा कि अब भागने का समय नहीं है, बल्कि उन्हें रुककर चर्चा करनी चाहिए।
पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विजय शर्मा ने कहा कि इस मामले की जांच आवश्यक है। उन्होंने कहा, "यह जांच का विषय है। हमें लगता है कि आतंकी सामान्यतः सीमा पार से ही आते हैं। लेकिन, इस विशेष मामले में पूरी जानकारी और तथ्यों की जांच करना जरूरी है।"
चिदंबरम ने एक इंटरव्यू में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या हमले में शामिल आतंकी वास्तव में पाकिस्तान से आए थे? क्या इस बात के सबूत हैं? उन्होंने यह भी कहा कि हमले में घरेलू आतंकी भी शामिल हो सकते हैं।
इसी तरह, उन्होंने जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर भी अपनी राय व्यक्त की और कहा कि वहां के हालात में बदलाव की आवश्यकता है।
विजय शर्मा ने विपक्ष से रचनात्मक भूमिका निभाने की अपील की और कहा कि संसद में सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए। आतंकवाद जैसे गंभीर विषयों पर बिना भागे ठोस बातचीत जरूरी है ताकि जनता को सच्चाई का पता चले। अगर हम चर्चा से बचेंगे, तो कई सवाल अनसुलझे रह जाएंगे।
गौरतलब है कि वर्तमान मानसून सत्र में सोमवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम आतंकी हमले पर महत्वपूर्ण बहस हो रही है। यह चर्चा राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के मुद्दों पर केंद्रित होगी।
लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने उन परिस्थितियों का उल्लेख किया जिनकी वजह से भारत ने अटैक किया। संसद में सोमवार को राजनाथ ने कहा, "हमने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा। सेना ने आतंकियों से हमारी माताओं-बहनों के सिंदूर का बदला लिया। हमारा मकसद आतंकी ठिकाने तबाह करना था और सेनाओं ने अपना लक्ष्य हासिल किया। हमने पाकिस्तान से सीजफायर दबाव में नहीं किया।"