क्या विक्रांत मैसी ने अपना नेशनल अवॉर्ड समाज के हाशिए पर पड़े लोगों को समर्पित किया?

सारांश
Key Takeaways
- विक्रांत मैसी का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- उन्होंने इस पुरस्कार को समाज के हाशिए पर पड़े लोगों के लिए समर्पित किया।
- उनका यह कदम जागरूकता और सहानुभूति को बढ़ावा देता है।
मुंबई, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड अभिनेता विक्रांत मैसी को उनकी चर्चित फिल्म '12वीं फेल' में शानदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया है। इस उपलब्धि पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
इस पुरस्कार को साझा करने वाले बॉलीवुड के दिग्गज शाहरुख खान के साथ, विक्रांत ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा, "मैं माननीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, एनएफडीसी और 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के सभी जूरी सदस्यों का धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मेरे अभिनय को इस सम्मान के योग्य समझा। मैं विधु विनोद चोपड़ा को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे यह अवसर प्रदान किया। यह सच में एक सपना है।"
उन्होंने आगे कहा, "अपने अभिनय को इस तरह के सम्मान देने और इस फिल्म को प्यार से सिफारिश करने के लिए मैं दर्शकों का हमेशा आभारी रहूंगा। शाहरुख खान जैसे सितारे के साथ अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार साझा करना मेरे लिए गर्व की बात है।"
विक्रांत ने अंत में कहा, "यह पुरस्कार मैं समाज के उन सभी हाशिए पर पड़े लोगों को समर्पित करता हूं, जिन पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता और जो हर दिन हमारे देश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति से जूझते हैं।"
विक्रांत मैसी ने विक्रमादित्य मोटवानी की फिल्म 'लुटेरा' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा, जिसमें उनके साथ रणवीर सिंह और सोनाक्षी सिन्हा भी थे। उन्होंने रणवीर के दोस्त देवदास की भूमिका निभाई। 2015 में, उन्होंने जोया अख्तर की पारिवारिक कॉमेडी-ड्रामा फिल्म 'दिल धड़कने दो' में सहायक भूमिका निभाई।
इस फिल्म में अनिल कपूर, शेफाली शाह, प्रियंका चोपड़ा, अनुष्का शर्मा और फरहान अख्तर भी मुख्य भूमिकाओं में थे।
विक्रांत को '12वीं फेल' में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए यह सम्मान मिला, जबकि शाहरुख को एटली द्वारा निर्देशित व्यावसायिक फिल्म 'जवान' में उनके प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।