क्या विपक्ष हताशा और निराशा से ग्रस्त है? अनर्गल बयानबाजी चुनावी हार का पूर्वानुमान : श्रेयसी सिंह

सारांश
Key Takeaways
- राजनीतिक बयानबाजी की आलोचना
- विपक्ष की हताशा का प्रदर्शन
- भाजपा की राजनीति में अपशब्दों का स्थान नहीं
- महिलाओं के सम्मान का मुद्दा
- प्रदेश का विकास प्राथमिकता
जमुई, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अपशब्दों की टिप्पणियों को लेकर बिहार की राजनीति में उबाल आ गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक श्रेयसी सिंह ने बुधवार को इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी दलों पर जोरदार हमला किया।
उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति द्वारा अपशब्दों का प्रयोग भारतीय संस्कारों के खिलाफ है। यह न केवल गुंडागर्दी को दर्शाता है, बल्कि विपक्ष की हताशा और कमजोरी को भी उजागर करता है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाने का कार्य करेगी।
श्रेयसी सिंह ने विपक्षी नेताओं, विशेषकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या यह उचित है कि मंच सजाकर किसी की मां को गाली दी जाए? भाजपा का कभी यह संस्कार नहीं रहा। राजनीतिक विरोध नीतियों और विचारधारा पर होना चाहिए, न कि व्यक्तिगत हमलों पर। पीएम मोदी के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग निंदनीय और अस्वीकार्य है।”
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर भी आरोप लगाया कि वे सदन में भी अभद्र भाषा और अनुचित इशारों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा, “ऐसा व्यवहार ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’ का प्रतीक है। विपक्ष अनर्गल और अनाप-शनाप बातें कर अपनी कमजोरी को उजागर कर रहा है। भाजपा की राजनीति में अभद्र भाषा का कोई स्थान नहीं है, जबकि राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ता इस तरह की हरकतें करते हैं।”
इसी क्रम में, श्रेयसी सिंह ने बुधवार को अपने विधानसभा क्षेत्र में लगभग 4.75 लाख रुपए की लागत से ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों और नालियों के निर्माण का शिलान्यास किया। उन्होंने बताया कि राजपुरा गांव में 1.27 लाख रुपये की लागत से सड़क बनाई जाएगी। क्षेत्र का विकास हमारी पहली प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच घर-घर तक सड़क पहुंचाने की है, जिसे पूरा करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
श्रेयसी सिंह ने गुरुवार को 'बिहार बंद' पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, “यह बंद राजनीतिक नहीं, बल्कि महिलाओं के सम्मान से जुड़ा है। प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग पूरे देश की माताओं-बहनों का अपमान है। महिलाएं इस घटना से आहत हैं और यह बंद उनकी भावनाओं को व्यक्त करने का एक माध्यम है।”