क्या विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर मतदाता सूची पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग की?

सारांश
Key Takeaways
- मतदाता सूची पुनरीक्षण पर विपक्षी सांसदों ने विशेष चर्चा की मांग की है।
- इस मुद्दे को बिहार विधानसभा चुनावों से पहले उठाया गया है।
- पत्र पर कई प्रमुख विपक्षी सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।
- चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है।
- मतदाता सूची में बदलाव से मतदान के अधिकार पर प्रभाव पड़ता है।
नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के मुद्दे पर कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक संयुक्त पत्र भेजा है। उन्होंने इस विषय पर सदन में विशेष चर्चा की मांग की है।
सांसदों ने पत्र में इस प्रक्रिया की टाइमिंग और उद्देश्य को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि यह कदम बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उठाया गया है, जिससे संदेह उत्पन्न होता है।
पत्र में उल्लेख किया गया है, "हम, जो विपक्षी दलों का प्रतिनिधित्व करते हैं, बिहार में चल रहे मतदाता सूची संशोधन को लेकर अपनी गंभीर शंका व्यक्त करते हैं। यह कई महत्वपूर्ण सवाल खड़ा करता है।"
सांसदों ने यह भी बताया कि चुनाव आयोग ने संकेत दिए हैं कि इसी तरह की प्रक्रिया अन्य राज्यों में भी जल्दी शुरू हो सकती है।
पत्र में आगे लिखा गया है, "पारदर्शिता, समय और इस प्रक्रिया के पीछे की मंशा को लेकर व्यापक चिंता है, इसे देखते हुए यह विषय तत्काल सदन की गंभीरता से सुनवाई का पात्र है।"
सांसदों ने यह भी याद दिलाया कि विपक्ष इस मुद्दे को पहले दिन से ही सत्र में उठाता आ रहा है और 20 जुलाई को हुई सर्वदलीय बैठक में भी यह मामला प्रस्तुत किया गया था। हालांकि, सरकार ने सभी मुद्दों पर चर्चा की इच्छा जताई थी, लेकिन अब तक मतदाता सूची संशोधन पर चर्चा के लिए कोई समय नहीं निर्धारित किया गया है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि मतदाता सूची में किसी भी बदलाव से नागरिकों के मतदान के मूल अधिकार और देश में निष्पक्ष चुनाव की प्रणाली सीधे प्रभावित होती है।
उन्होंने लिखा, "लोकसभा में विशेष चर्चा से सदस्यों को इस विषय पर स्पष्टता मांगने, वैध चिंताओं को उठाने और पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने का अवसर मिलेगा।"
अंत में, सांसदों ने आग्रह किया, "हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस मुद्दे पर तत्काल लोकसभा में विशेष चर्चा सुनिश्चित करें।"
इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, लालजी वर्मा, सुप्रिया सुले, अभय कुमार सिन्हा सहित कई अन्य विपक्षी सांसद शामिल हैं।