क्या वारिस पठान ने महागठबंधन पर हमला किया? मुसलमानों को फिर किया गया नजरअंदाज?
सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की उम्मीदवारों की घोषणा पर सवाल उठाए गए हैं।
- बिहार में मुसलमानों की आबादी का नजरअंदाज किया जा रहा है।
- सरफराज खान का चयन न होना चिंता का विषय है।
मुंबई, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन द्वारा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह फैसला स्पष्ट रूप से महागठबंधन के पाखंड को उजागर करता है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह वही लोग हैं जो कहते थे ‘जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी,’ तो अब उस वादे का क्या हुआ?
वारिस पठान ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि बिहार में मुसलमानों की आबादी 19 प्रतिशत है, जबकि सहनी साहब का समुदाय केवल दो प्रतिशत है। फिर भी उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया जा रहा है, लेकिन किसी मुसलमान को क्यों नहीं? क्या मुसलमानों में कोई कमी है? उन्हें उचित हिस्सेदारी क्यों नहीं दी जाती?
उन्होंने आगे कहा कि बिहार का सीमांचल इलाका सबसे पिछड़ा क्षेत्र है, क्योंकि वहां मुसलमानों की सबसे ज्यादा आबादी है, फिर भी विकास के नाम पर वहां कोई काम नहीं हुआ। राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है और जनता अब बदलाव चाहती है।
एआईएमआईएम नेता ने भरोसा जताया कि इस बार बिहार की जनता उनकी पार्टी को बंपर वोट देगी। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी अच्छी संख्या में सीटें जीतकर बिहार विधानसभा में पहुंचेगी और जनता को न्याय दिलाएगी।”
दक्षिण अफ्रीका ए टीम के खिलाफ 2 प्रथम श्रेणी मैचों के लिए मंगलवार को बीसीसीआई ने विकेटकीपर और बल्लेबाज ऋषभ पंत की कप्तानी में 15 सदस्यीय भारत-ए टीम का ऐलान किया था। भारतीय टीम में मध्यक्रम के बल्लेबाज सरफराज खान को जगह नहीं दी गई। इस पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विवादास्पद टिप्पणी की है।
इस पर वारिस पठान ने कहा, “हमारे पार्टी अध्यक्ष ने एक लेख ट्वीट किया था, जिसमें पूछा गया था कि सरफराज को भारत की ए-टीम में क्यों नहीं चुना गया? अगर पूरा लेख पढ़ा जाए तो मामला साफ हो जाएगा।”
पठान ने कहा कि सरफराज खान का बल्लेबाजी औसत 110.47 है और पिछले पाँच सालों में उन्होंने कम से कम पाँच अर्धशतक और दस शतक बनाए हैं। वह अब पूरी तरह से फिट हैं, फिर भी चयनकर्ताओं ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।
उन्होंने सवाल उठाया, “क्या उनके नाम सरफराज होने की वजह से ऐसा किया गया? क्या चयन समिति में भाजपा की विचारधारा का असर है?” पठान ने कहा कि यह देश के युवा प्रतिभाओं के साथ अन्याय है और देश जानना चाहता है कि चयन का मापदंड आखिर क्या है।