क्या महाराष्ट्र के वाशिम में शिरपूर जैन मंदिर पर हुए हमले के खिलाफ दिगंबर जैन समाज ने प्रदर्शन किया?
सारांश
Key Takeaways
- दिगंबर जैन मंदिर पर हुआ हमला गंभीर मुद्दा है।
- सामाजिक एकता की आवश्यकता है।
- प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।
- जैन समाज का आक्रोश स्पष्ट है।
- पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण है।
वाशिम, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के वाशिम जिले में जैन समाज के लिए प्रसिद्ध शिरपूर स्थित दिगंबर पंथीय जैन मंदिर में पुजारियों पर हुए अमानवीय हमले का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। इस घटना के विरोध में रविवार को दिगंबर जैन समाज ने शिरपूर पुलिस थाने के समक्ष प्रदर्शन किया, जहां उन्होने थाने के परिसर में धरना शुरू किया।
प्रदर्शन में जैन पुजारियों सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए। हाथों में झंडे और बैनर लेकर आए प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ा एक्शन की मांग की। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस थाने और आसपास के क्षेत्र में भरी पुलिस तैनात की गई है।
जानकारी के अनुसार, गांव के कुछ असामाजिक तत्वों ने मंदिर परिसर में घुसकर दिगंबर पंथीय जैन पुजारियों के साथ बेरहमी से मारपीट की। इस घटना से जैन समाज में गहरा आक्रोश है। समाज का कहना है कि इससे पहले भी ऐसे अन्यायपूर्ण घटनाएं हुई हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
दिगंबर जैन समाज का कहना है कि यह हमला केवल पुजारियों पर नहीं, बल्कि पूरे दिगंबर समाज के स्वाभिमान और धार्मिक आस्था पर सीधा हमला है। इसी भावना के साथ समाज के लोग बड़ी संख्या में पुलिस थाने पहुंचे और धरने पर बैठ गए। समाज के प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।
धरना-प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। फिलहाल माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है, लेकिन पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। साथ ही मामले की जांच तेज कर दी गई है ताकि जल्दी से जल्दी कार्रवाई की जा सके।