क्या वर्ल्ड स्माइल डे एक मुस्कान से बदल सकता है जीवन?

सारांश
Key Takeaways
- मुस्कान मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
- वर्ल्ड स्माइल डे हमें सकारात्मकता का महत्व सिखाता है।
- छोटी-छोटी दयालुता के कार्यों से हम दूसरों को खुश कर सकते हैं।
- मुस्कान का असर न केवल हमारे जीवन पर, बल्कि समाज पर भी पड़ता है।
- आज के डिजिटल युग में भी मुस्कान का महत्व बना हुआ है।
नई दिल्ली, 3 अक्तूबर (राष्ट्र प्रेस)। आज के दौर में चेहरे पर तनाव का होना एक सामान्य बात बन गई है। कभी ऑफिस का दबाव, कभी घर की जिम्मेदारियां, कभी रिश्तों की जटिलताएं और कभी भविष्य की चिंताएं... ऐसे माहौल में मुस्कुराना लोगों के लिए मुश्किल होता जा रहा है और वे धीरे-धीरे मुस्कुराना भूलते जा रहे हैं। लेकिन यदि चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान बनाए रखी जाए, तो यह जीवन की दिशा को बदल सकती है।
इसी विचार के साथ हर साल अक्टूबर के पहले शुक्रवार को दुनियाभर में वर्ल्ड स्माइल डे मनाया जाता है। इस साल यह विशेष दिन 3 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन का उद्देश्य है जीवन में सकारात्मकता का जश्न मनाना, जिसमें हम खुद मुस्कुराएं और दूसरों को भी मुस्कुराने का अवसर प्रदान करें।
वर्ल्ड स्माइल डे की शुरुआत एक अमेरिकी कलाकार हार्वे बॉल ने की थी, जिन्होंने 1963 में प्रसिद्ध 'स्माइली फेस' डिजाइन किया था जो आज भी सोशल मीडिया से लेकर विज्ञापनों में प्रचलित है। हार्वे बॉल ने देखा कि उनका बनाया हुआ मुस्कुराता हुआ येलो फेस तेजी से फैल रहा है, लेकिन इसके पीछे की भावना, पॉजिटिविटी और दयालुता कहीं खोती जा रही है। इसी भावना को पुनर्जीवित करने के लिए उन्होंने 1999 में पहली बार वर्ल्ड स्माइल डे मनाने का निर्णय लिया। तब से यह एक अंतरराष्ट्रीय पर्व बन गया है।
यह दिन लोगों को मुस्कुराने का संदेश देता है। वर्ल्ड स्माइल डे का वैज्ञानिक आधार भी है कि मुस्कुराना न केवल भावनात्मक रूप से स्वस्थ है, बल्कि शारीरिक रूप से भी फायदेमंद होता है। जब हम मुस्कुराते हैं, तो हमारे दिमाग में एंडोर्फिन, सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं, जो हमें अंदर से खुश और शांत महसूस कराते हैं। मुस्कुराने से न केवल मूड में सुधार होता है, बल्कि तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है।
इस दिन को मनाने के कई तरीके हैं। कोई अनजान व्यक्ति को देखकर मुस्कुरा सकता है, कोई बुजुर्ग की मदद कर सकता है, किसी जरूरतमंद को खाना खिला सकता है, या बस किसी दोस्त या सहकर्मी को एक छोटा-सा 'धन्यवाद' कहकर उनका दिन बना सकता है। कई स्कूलों और संस्थाओं में इस दिन को विशेष रूप से मनाया जाता है; बच्चों को 'स्माइली बैज' पहनाए जाते हैं, प्रेरणादायक कहानियां सुनाई जाती हैं और दयालुता के छोटे-छोटे कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
आज के डिजिटल युग में जब रिश्ते भी वर्चुअल होते जा रहे हैं, मुस्कान का महत्व और भी बढ़ जाता है। एक इमोजी के जरिए भेजी गई मुस्कान भी सामने वाले के चेहरे पर हंसी ला सकती है। लेकिन वर्ल्ड स्माइल डे हमें याद दिलाता है कि केवल स्क्रीन पर नहीं, असल जिंदगी में भी हमें मुस्कुराना और दूसरों को मुस्कुराने का कारण देना चाहिए।