क्या अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का भारत दौरा लाभकारी हो सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- अफगानिस्तान और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं।
- इस दौरे का मुख्य उद्देश्य नए कूटनीतिक संबंध स्थापित करना है।
- तालिबान के लिए भारत के साथ संबंध महत्वपूर्ण हैं।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी जल्द ही भारत का दौरा करने वाले हैं। इस पर विदेश नीति के विशेषज्ञ रोविंदर सचदेव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य अफगानिस्तान और भारत के बीच संबंधों को नई दिशा देना है।
तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर नियंत्रण प्राप्त किया था। यह किसी तालिबान नेता का पहला भारत दौरा है। राष्ट्र प्रेस से बातचीत में रोविंदर सचदेव ने कहा कि अफगानिस्तान के साथ भारत के ऐतिहासिक और सकारात्मक संबंध रहे हैं।
शायद अब सही समय है कि भारत और अफगानिस्तान नए अध्याय की शुरुआत करें। दूसरी तरफ, पाकिस्तान का मानना है कि अफगानिस्तान उसके लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह हमारे लिए आवश्यक है कि हम पाकिस्तान को अफगानिस्तान के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने का अवसर न दें। ऐसे में भारत और अफगानिस्तान के लिए कूटनीतिक, शांति और मानवता के कारणों के लिए यह एक बेहतरीन मौका है।
हालांकि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित होने के बावजूद, अमीर खान मुत्ताकी की यात्रा तालिबान की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता की खोज को कैसे दर्शाती है? इस पर रोविंदर सचदेव का मानना है कि आज भारत वैश्विक मामलों में एक महत्वपूर्ण स्थान पर है। तालिबान के लिए भारत के साथ अच्छे संबंध रखना और अपने पक्ष में उसे समर्थन देना लाभदायक होगा।
अफगानिस्तान में कई मुद्दे हैं, जिनका समाधान होना आवश्यक है। यदि तालिबान इन समस्याओं का सही तरीके से समाधान करता है, तो संभव है कि भारत उसके साथ मित्रवत रूप से खड़ा हो।
इसके अलावा, भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू होने के विषय में उन्होंने कहा कि यह एक सकारात्मक कदम है। लगभग 5 वर्षों तक भारत और चीन के बीच कोई डायरेक्ट संपर्क नहीं था। भारत ने चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा शुरू किया है। इसका मतलब है कि दोनों देशों के बीच व्यापार और लोगों का आदान-प्रदान बढ़ेगा।
अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ भारत पर पुतिन के बयान पर, रोविंदर सचदेव ने कहा कि पुतिन का बयान बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें किसी विश्व नेता की आवश्यकता नहीं है कि वह हमें बताएं कि भारत मजबूती से खड़ा है। यदि हमारे मित्र इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं, तो हम उनका हमेशा स्वागत करेंगे। पुतिन का बयान दर्शाता है कि रूस भारत को एक मजबूत साथी के रूप में देखता है।