क्या भारत को 'कॉमनवेल्थ गेम्स 2030' की मेजबानी मिलने पर उपराष्ट्रपति ने खुशी जताई?
सारांश
Key Takeaways
- भारत को मिला 'कॉमनवेल्थ गेम्स 2030' की मेज़बानी का अवसर।
- उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।
- अहमदाबाद में आयोजित होगा यह खेल।
- भारत ने अबुजा को हराया इस बोली में।
- यह अवसर भारत की खेल शक्ति को दर्शाता है।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत को 'कॉमनवेल्थ गेम्स 2030' की मेज़बानी का अवसर मिला है। स्कॉटलैंड के ग्लासगो में आयोजित कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स जनरल असेंबली में अहमदाबाद शहर को इस खेल के आयोजन की मंजूरी मिली है। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने इसे भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि करार दिया है।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि भारत ने अहमदाबाद में शताब्दी राष्ट्रमंडल खेल 2030 की मेज़बानी की बोली जीत ली है।
उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि हमारे देश के खेल जगत की सामूहिक शक्ति, प्रतिभा और भावना को प्रदर्शित करती है। यह वैश्विक खेलों में भारत के बढ़ते कद और हमारे एथलीटों, प्रशिक्षकों और प्रशासकों के अटूट समर्पण का प्रमाण है।
उन्होंने आगे कहा कि शताब्दी खेलों की मेज़बानी विश्व मंच पर भारत की क्षमताओं, एकता और आकांक्षाओं को प्रदर्शित करने का एक ऐतिहासिक अवसर प्रदान करती है। भारत के लोगों को बधाई और इस महत्वपूर्ण आयोजन की तैयारी में जुटे सभी हितधारकों को शुभकामनाएं।
कॉमवेल्थ गेम्स 2030 की बोली में भारत का मुकाबला अबुजा (नाइजीरिया) से था, लेकिन कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने अफ्रीकी देश को 2034 संस्करण के लिए विचार में रखने का निर्णय लिया।
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के अध्यक्ष डॉ. डोनाल्ड रुकारे ने कहा, "यह कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के लिए एक नए स्वर्णिम युग की शुरुआत है। 'गेम्स रीसेट' के बाद हम ग्लासगो 2026 की ओर शानदार तैयारी के साथ बढ़ रहे हैं, जहाँ हम कॉमनवेल्थ की 74 टीमों का स्वागत करेंगे। इसके बाद अहमदाबाद 2030 पर हमारी नजरें होंगी, जो कॉमनवेल्थ गेम्स के विशेष शताब्दी संस्करण की मेज़बानी करेगा।"
उन्होंने कहा, "भारत पैमाना, युवा ऊर्जा, महत्वाकांक्षा, समृद्ध संस्कृति, अपार खेल जुनून और प्रासंगिकता लाता है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 2034 गेम्स और उससे आगे की मेज़बानी को लेकर कई देशों की रुचि है।"
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा, "कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने जो भरोसा दिखाया है, उससे हम बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं। 2030 के खेल न केवल कॉमनवेल्थ आंदोलन के 100 वर्षों का जश्न मनाएंगे, बल्कि अगली शताब्दी की नींव भी रखेंगे।"