क्या शी चिनफिंग ने सर्बिया के राष्ट्रपति से भेंट की?

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क्या शी चिनफिंग ने सर्बिया के राष्ट्रपति से भेंट की?

सारांश

बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुइक से मुलाकात की। यह भेंट विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच सहयोग और समर्थन की बातें की गईं। जानें इस महत्वपूर्ण भेंट के बारे में और क्या कहा गया।

Key Takeaways

  • चीन और सर्बिया के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं।
  • दूसरे विश्व युद्ध का महत्व दोनों देशों के लिए है।
  • अंतरराष्ट्रीय स्थिति में सहयोग की आवश्यकता है।

बीजिंग, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 4 सितंबर को दोपहर के समय पेइचिंग में चीनी जनता का जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध और विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ मनाने के अवसर पर पहुंचे सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुइक से मुलाकात की।

शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और सर्बिया ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान एशिया और यूरोप में फासीवाद को पराजित करने के लिए महत्वपूर्ण बलिदान दिए और महत्वपूर्ण योगदान दिया। वर्तमान में, जब अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में परिवर्तन और गड़बड़ी है, चीन और सर्बिया को दूसरे विश्व युद्ध के बारे में सही ऐतिहासिक विचारों का प्रचार करना चाहिए और फासीवाद विरोधी युद्ध की उपलब्धियों की रक्षा करनी चाहिए। चीन, एक लौह मित्र के रूप में, सर्बिया के राष्ट्रीय हितों और सामाजिक स्थिरता की रक्षा में समर्थन देता है।

वुइक ने चीन को विजय दिवस कार्यक्रम के सफल आयोजन पर बधाई दी। सर्बिया, राष्ट्रपति शी द्वारा प्रस्तुत वैश्विक शासन पहल का पूरा समर्थन करता है और दोनों पक्षों के व्यावहारिक सहयोग को और मजबूत करने की आशा करता है।

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

यह भेंट चीन और सर्बिया के बीच के मजबूत संबंधों को दर्शाती है। दोनों देशों की ऐतिहासिक साझेदारी और वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थिति को देखते हुए, यह सहयोग और समर्थन का एक महत्वपूर्ण संकेत है।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

शी चिनफिंग ने किससे भेंट की?
शी चिनफिंग ने सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुइक से भेंट की।
यह भेंट कब हुई?
यह भेंट 4 सितंबर को हुई।
इस भेंट का मुख्य कारण क्या था?
इस भेंट का मुख्य कारण विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ मनाना था।