क्या ग्रेटर नोएडा में यमुना अथॉरिटी ने 250 बीघा जमीन को कब्जा मुक्त कराया?

सारांश
Key Takeaways
- 250 बीघा जमीन को अतिक्रमण से मुक्त किया गया।
- अभियान की अनुमानित कीमत 2,500 करोड़ रुपए है।
- अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया गया।
- निवेशकों के लिए सुरक्षित माहौल तैयार किया गया।
- भविष्य में इसी प्रकार की कार्रवाई जारी रहेगी।
ग्रेटर नोएडा, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने मंगलवार को एक निर्णायक अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया। यह अभियान यमुना अथॉरिटी के सीईओ राकेश कुमार सिंह के निर्देश और जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर के नेतृत्व में झाझर और ककोड़ गांव (जनपद बुलंदशहर) में आयोजित किया गया।
इस अभियान के दौरान, लगभग 250 बीघा अधिसूचित भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त किया गया, जिसकी अनुमानित बाजार कीमत लगभग 2,500 करोड़ रुपए आंकी गई है।
इस कार्रवाई का नेतृत्व विशेष कार्याधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने किया। बुलडोजर कार्रवाई के तहत झाझर स्थित ऐरोनेस्ट कॉलोनाइजर, ककोड़ स्थित श्री राधा गौरी एनक्लेव और रुद्र प्रॉपर्टीज जैसी अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की टीमें भी मौके पर मौजूद रहीं, ताकि किसी भी प्रकार की कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न हो।
यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास अवैध निर्माण और कब्जों की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसी संदर्भ में यह अभियान चलाया गया, जिससे सरकारी भूमि को अतिक्रमण से सुरक्षित रखा जा सके और निवेशकों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके।
सीईओ राकेश कुमार सिंह ने कहा कि प्राधिकरण भविष्य में भी इस प्रकार की कार्रवाई जारी रखेगा।
विशेष कार्याधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अवैध कॉलोनाइजर भोले-भाले खरीदारों को गुमराह कर प्लॉट बेच रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि किसी ब土地 को खरीदने से पूर्व यह सुनिश्चित करें कि वह भूमि प्राधिकरण से विधिवत स्वीकृत है या नहीं। अन्यथा, खरीदार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अभियान में प्राधिकरण के डिप्टी कलेक्टर शिवअवतार सिंह, विशेष कार्याधिकारी अजय कुमार शर्मा और अभिषेक साही समेत बुलंदशहर प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे। इसके अलावा, प्राधिकरण के परियोजना और भूलेख विभाग के कई कर्मचारी भी इस अभियान का हिस्सा बने।
यमुना अथॉरिटी का कहना है कि एयरपोर्ट क्षेत्र को संपूर्ण रूप से अतिक्रमण मुक्त बनाना उनकी प्राथमिकता है। इस प्रकार की कार्रवाई से न केवल अवैध निर्माण पर रोक लगेगी, बल्कि आने वाले समय में क्षेत्र में विकास परियोजनाओं को भी गति मिलेगी।