क्या यमन में सरकारी बलों ने हूती हमले को नाकाम किया?

सारांश
Key Takeaways
- यमन के धालिया प्रांत में सरकारी बलों ने हूती विद्रोहियों का हमला रोका।
- लड़ाई के दौरान तीन हूती विद्रोही मारे गए।
- सात साल से चल रहे संघर्ष में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।
- युद्धविराम समझौते के टूटने के बाद स्थिति नाजुक है।
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यमन में मानवीय संकट बढ़ता जा रहा है।
अदन, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यमन के सरकारी बलों ने दक्षिणी यमन के धालिया प्रांत में हूती समूह के एक बड़े हमले को नाकाम कर दिया और इस दौरान तीन हूती विद्रोहियों को मार गिराया। एक सैन्य अधिकारी ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर सिन्हुआ को बताया कि हूती विद्रोहियों ने उत्तरी धालिया के बाब घालक क्षेत्र में सरकारी रक्षा पंक्तियों को तोड़ने के लिए भारी तोपों का इस्तेमाल किया, जिससे हूती लड़ाकों और सरकारी बलों के बीच तेज लड़ाई शुरू हो गई।
लगभग एक घंटे तक चली लड़ाई के बाद हूती विद्रोहियों को पीछे हटना पड़ा, जबकि सरकारी बलों ने अपनी रक्षा पंक्तियों को बनाए रखा।
अधिकारी ने बताया कि तीन विद्रोहियों की मौत के अलावा, समूह को सैन्य उपकरणों का भी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि लड़ाई के दौरान पांच सरकारी सैनिक घायल हो गए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इस कथित टकराव पर हूती समूह ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
2022 के अंत में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से हुए युद्धविराम समझौते के टूटने के बाद से यमन में शांति की स्थिति नाजुक बनी हुई है, तथा दोनों पक्ष इसके नवीनीकरण या विस्तार पर सहमत होने में विफल रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, 2014 के अंत में शुरू हुए इस संघर्ष में लाखों लोग मारे गए हैं और लाखों लोग अकाल के कगार पर पहुंच गए हैं।