क्या यमन के तट पर प्रवासी नाव पलटने से 68 लोगों की जान चली गई, 74 अब भी लापता हैं?

सारांश
Key Takeaways
- 68 लोग इस नाव दुर्घटना में मारे गए हैं।
- 74 लोग अभी भी लापता हैं।
- खराब मौसम के बावजूद खोज और बचाव अभियान जारी है।
- यह घटना अफ्रीकी प्रवासियों के सामने खतरों को उजागर करती है।
- यमन पहले से ही गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहा है।
अदन, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यमन के तट पर एक प्रवासी नाव के पलटने के कारण मृतकों की संख्या 68 हो गई है, जबकि 74 अन्य अभी भी लापता हैं। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि खराब मौसम के बावजूद खोज और बचाव अभियान जारी है।
अबयान प्रांत के स्वास्थ्य कार्यालय के निदेशक अब्दुल कादर बजमिल के अनुसार, बचाव दल ने दक्षिणी अबयान प्रांत के तटीय क्षेत्र से दिनभर में 68 शव बरामद किए हैं, और 12 जीवित बचे लोगों को सुबह पानी से निकाला गया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, बचे हुए लोगों को तुरंत आपातकालीन चिकित्सा उपचार के लिए शक्र जनरल अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सा कर्मचारियों ने बताया है कि लंबे समय तक समुद्री जल में रहने और थकावट के कारण कुछ रेस्क्यू किए गए लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
यह दुर्घटना शनिवार रात को हुई जब 154 इथियोपियाई प्रवासियों को ले जा रही एक नाव स्थानीय समयानुसार रात लगभग 11:00 बजे अबयान प्रांत के तटवर्ती जलक्षेत्र में खराब मौसम और तेज हवाओं के कारण पलट गई।
अबयान सुरक्षा अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सभी पीड़ित और बचे हुए लोग इथियोपियाई नागरिक हैं, जो यमन पहुंचने और फिर बेहतर आर्थिक अवसरों की तलाश में खाड़ी देशों की यात्रा करने वाले अफ्रीकी प्रवासियों के निरंतर आगमन का हिस्सा हैं।
विभिन्न तटीय क्षेत्रों में कई शव मिलने के कारण अधिकारियों ने अपने खोज अभियान का विस्तार किया है और अतिरिक्त बचाव दल तैनात किए हैं। स्वास्थ्य अधिकारी स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हैं ताकि प्रांतीय राजधानी जिंजीबार के पास बरामद पीड़ितों के लिए उचित अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा सके।
यह घटना अफ्रीकी प्रवासियों के सामने मौजूद खतरों को उजागर करती है, जो यमन के लंबे संघर्ष और गंभीर मानवीय संकट के बावजूद खतरनाक समुद्री यात्राओं का जोखिम उठाते रहते हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि अफ्रीकी प्रवासियों का यमन में आना लगातार जारी है। यमन पहले से ही दस साल से चल रहे संघर्ष और संयुक्त राष्ट्र द्वारा बताए गए दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों में से एक का सामना कर रहा है। ऐसे में यहां पहुंचने के बाद इन प्रवासियों को बेहद कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।