क्या योग हर समस्या का समाधान है? पीएम मोदी का श्रेष्ठ उदाहरण: स्वामी भारत भूषण

सारांश
Key Takeaways
- योग हर समस्या का समाधान है।
- प्रधानमंत्री मोदी का योग और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का प्रयास।
- स्वच्छता और स्वास्थ्य का गहरा संबंध है।
- योग एक जीवन का अनुशासन है।
- सकारात्मक विचारों का प्रभाव महत्वपूर्ण है।
सहारनपुर, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली के अवसर पर देशवासियों को पत्र लिखकर योग, स्वास्थ्य, स्वच्छता और संयमित जीवनशैली के महत्व को उजागर किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वामी भारत भूषण ने कहा कि योग जीवन की सभी समस्याओं का समाधान है और पीएम मोदी इस दृष्टिकोण के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
भाषा में बात करते हुए, स्वामी भारत भूषण ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं एक कुशल योग साधक हैं। यही कारण है कि जब वे जीवन के समाधान पर बात करते हैं, तो योग का उल्लेख अवश्य होता है। योग केवल एक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह एक जीवन का अनुशासन है। अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह जैसे तत्व योग के मूल आधार हैं। चाहे स्वास्थ्य की समस्या हो या मानसिक तनाव, योग से बेहतर उपाय कुछ नहीं।
प्रधानमंत्री ने खाद्य पदार्थों में तेल की मात्रा 10 प्रतिशत कम करने की अपील की है। इस पर स्वामी भारत भूषण ने कहा कि हमारी जीवनशैली बदल रही है, लेकिन शारीरिक श्रम में कमी आ रही है। इसी कारण से ओबेसिटी, हृदय रोग और मानसिक तनाव बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश है कि तेल कम करने का अर्थ यह नहीं है कि किसी विशेष तेल का प्रयोग बंद करें, बल्कि शरीर में फैट कंटेंट कम करें। जितना हम तेल या घी का सेवन कम करेंगे, उतनी ही हमारी वर्किंग एफिशिएंसी और फिटनेस बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री के पत्र में स्वच्छता और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की बात पर स्वामी भारत भूषण ने कहा कि स्वास्थ्य का मूल ही स्वच्छता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे अपने व्यवहार से साबित किया है। वे खुद झाड़ू लेकर सड़क पर उतरते हैं, जिससे समाज को प्रेरणा मिलती है। योग में भी कहा गया है कि बाहरी स्वच्छता के साथ आंतरिक स्वच्छता, यानी मन की पवित्रता भी उतनी ही आवश्यक है।
स्वामी भारत भूषण ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने कोरोना काल में जिस प्रकार से देश को संभाला, वह भी योग और अनुशासन की भावना का उदाहरण है। उन्होंने न केवल दूरी, स्वच्छता और सावधानी का संदेश दिया, बल्कि उसे अपने आचरण में भी उतारा। योग दर्शन देखने की नहीं, जीने की चीज है और प्रधानमंत्री ने इसे अपनी जीवनशैली में अपनाया है। उनका संदेश स्पष्ट है: विचारों को आचरण में लाएं, तभी समाज और व्यक्ति दोनों में परिवर्तन संभव है।