क्या योगी सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र के लिए 3500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है?
सारांश
Key Takeaways
- 3500 करोड़ रुपए का प्रावधान चिकित्सा क्षेत्र के लिए।
- स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जाएगा।
- आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता पर ध्यान।
- स्थानीय अस्पतालों को समय पर भुगतान।
- ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों को सशक्त किया जाएगा।
लखनऊ, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। योगी सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को नई मजबूती प्रदान करने के लिए अनुपूरक बजट में चिकित्सा क्षेत्र हेतु एक महत्वपूर्ण वित्तीय प्रावधान किया है। इस अनुपूरक बजट में लगभग 3,500 करोड़ रुपए की व्यवस्था करके योगी सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि आम जनता तक बेहतर, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।
अनुपूरक बजट में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर, अस्पतालों के विस्तार, आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए धनराशि प्रदान की गई है। यह बजट न केवल स्वास्थ्य योजनाओं को गति देगा, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लंबे समय तक मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन जैसी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों के लंबित और भविष्य में प्राप्त होने वाले चिकित्सा दावों के भुगतान के लिए 300 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आवश्यकता को अनुपूरक बजट में शामिल किया गया है। इससे निजी और सरकारी दोनों प्रकार के सूचीबद्ध अस्पतालों को समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा और मरीजों को बिना किसी बाधा के उपचार मिल सकेगा।
इसके अलावा, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन के लिए 2,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। इस राशि से ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों की सेवाओं को और सशक्त किया जाएगा। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, पोषण, संक्रामक रोग नियंत्रण और स्वास्थ्य कर्मियों की सुविधाओं को भी मजबूती मिलेगी।
आयुष्मान भारत नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन के तहत सूचीबद्ध चिकित्सालयों के लंबित एवं प्राप्त होने वाले चिकित्सा दावों के भुगतान के लिए सबसे बड़ा प्रावधान किया गया है। इस मद में 1,200 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आवश्यकता को अनुपूरक बजट में शामिल किया गया है। यह कदम आयुष्मान भारत योजना को और प्रभावी बनाने के साथ-साथ गरीब और जरूरतमंद परिवारों को नि:शुल्क इलाज की सुविधा निर्बाध रूप से उपलब्ध कराने में सहायक होगा।