क्या एआई की मदद से योगी सरकार समाज कल्याण योजनाओं में सुधार करेगी?

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क्या एआई की मदद से योगी सरकार समाज कल्याण योजनाओं में सुधार करेगी?

सारांश

योगी सरकार ने समाज कल्याण योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एआई का उपयोग करने का निर्णय लिया है। इस नई पहल का उद्देश्य योजनाओं की पारदर्शिता, सटीकता और लाभार्थियों की पहचान में सुधार करना है, जिससे सही लोगों तक लाभ पहुंच सके।

Key Takeaways

  • एआई का उपयोग समाज कल्याण योजनाओं को प्रभावी बनाएगा।
  • योजनाओं की पारदर्शिता और सटीकता में वृद्धि होगी।
  • पेपरलेस कार्यप्रणाली को अपनाया जाएगा।
  • सही लाभार्थियों तक लाभ समय पर पहुंचेगा।
  • फर्जी आवेदनों पर लगाम लगेगी।

लखनऊ, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। योगी सरकार ने समाज कल्याण योजनाओं को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और गड़बड़ी-मुक्त बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की शक्ति का उपयोग करने की योजना बनाई है। समाज कल्याण विभाग वृद्धावस्था पेंशन, पारिवारिक लाभ, छात्रवृत्ति और सामूहिक विवाह जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं की निगरानी को तकनीकी रूप से सशक्त करने की दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है।

इस पहल का उद्देश्य न केवल योजनाओं को सही लाभार्थियों तक पहुंचाना है, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पेपरलेस, तेज और जवाबदेह बनाना भी है।

योजनाओं में किसी भी प्रकार की अनियमितताओं से निपटने के लिए समाज कल्याण विभाग एआई-आधारित निगरानी तंत्र को अपनाने पर विचार कर रहा है। हाल ही में समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण की उपस्थिति में 'एआई का समाज कल्याण योजनाओं में उपयोग' विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस तकनीक के माध्यम से डाटा सत्यापन, लाभार्थियों की पहचान और योजनाओं के कार्यान्वयन में सटीकता सुनिश्चित की जाएगी। इससे न केवल गड़बड़ियों पर अंकुश लगेगा, बल्कि योजनाओं का लाभ वास्तविक हकदारों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचेगा।

समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रवृत्ति योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, वृद्धा पेंशन जैसी योजनाओं में पारदर्शिता और सुगमता लाने के लिए पहले ही ऑनलाइन मॉनिटरिंग को मजबूत किया गया है। छात्रवृत्ति योजना में विद्यार्थियों को बार-बार पंजीकरण की जटिल प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ेगा, क्योंकि विभाग ने वन टाइम रजिस्ट्रेशन नंबर की व्यवस्था लागू की है। यह नई प्रणाली न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि पात्रों को बिना किसी रुकावट के योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करेगी।

एआई के उपयोग से इस प्रक्रिया में और अधिक सटीकता आएगी, जिससे फर्जी आवेदनों पर लगाम लगेगी और पात्रों को त्वरित लाभ मिलेगा। यही नहीं, डाटा विश्लेषण के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल वास्तविक लाभार्थी ही योजना का लाभ उठा सकें। एआई-आधारित सत्यापन प्रणाली से आवेदनों की जांच तेजी से होगी और फर्जी आवेदनों को तुरंत पकड़ा जा सकेगा।

योगी सरकार की इस पहल से समाज कल्याण विभाग की योजनाएं डिजिटल युग में एक नया मुकाम हासिल करेंगी। पेपरलेस कार्यप्रणाली को अपनाने से न केवल कागजी कार्रवाई कम होगी, बल्कि योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी आएगी। एआई तकनीक के उपयोग से डाटा प्रबंधन, लाभार्थी सत्यापन और योजना निगरानी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इससे न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुगम होंगी, बल्कि जनता का विश्वास भी सरकार पर बढ़ेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। एआई-आधारित निगरानी तंत्र इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। समाज कल्याण विभाग जल्द ही इसकी विस्तृत कार्ययोजना को अंतिम रूप देगा।

Point of View

जो प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुधारेगी और सही लाभार्थियों को सहायता प्रदान करेगी। यह कदम तकनीकी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

योगी सरकार एआई का उपयोग क्यों कर रही है?
योगी सरकार समाज कल्याण योजनाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए एआई का उपयोग कर रही है।
एआई से योजनाओं में क्या बदलाव आएंगे?
एआई के उपयोग से योजनाओं में समयबद्धता, सटीकता और लाभार्थियों की सही पहचान होगी।
समाज कल्याण योजनाओं की निगरानी कैसे होगी?
समाज कल्याण विभाग एआई-आधारित निगरानी तंत्र का उपयोग करेगा, जिससे अनियमितताएं कम होंगी।