क्या योगी सरकार सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है?

सारांश
Key Takeaways
- कांवड़ यात्रा और महाकुंभ का आयोजन सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है।
- भाजपा सरकार ने इन आयोजनों के लिए सुरक्षा और स्वच्छता में सुधार किया है।
- पूर्व सरकारों की तुलना में वर्तमान सरकार ने अधिक ध्यान दिया है।
- धार्मिक आयोजनों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होता है।
- सरकार श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुगम अनुभव प्रदान करने के लिए प्रयासरत है।
मुरादाबाद, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि सपा सरकार के कार्यकाल में भी कांवड़ यात्रा और महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन होते थे, लेकिन उस समय इनकी अनदेखी की गई थी।
मुरादाबाद में आयोजित कार्यक्रम में एके शर्मा ने उल्लेख किया कि वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार इन उत्सवों को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "पूर्व की सरकार ने हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों को नजरअंदाज किया, फिर भी वे सत्ता में बने रहे। अब हमारी सरकार इन आयोजनों को भव्य रूप से मनाने के लिए प्रयासरत है। यह स्वाभाविक है कि जिन लोगों ने ऐसा नहीं किया, उन्हें हमारी प्रगति से जलन हो रही है।"
मंत्री एके शर्मा ने कांग्रेस नेता उदित राज के उस बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कांवड़ियों के पुलिस सत्यापन की बात की थी। उन्होंने यह कहते हुए तंज किया, "अगर उन्हें मौका मिले, तो शायद वे भगवान शिव का भी सत्यापन करवा दें।"
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है और उनके नेता सनातन संस्कृति के खिलाफ बयान देते रहते हैं। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों को न केवल संरक्षित कर रही है, बल्कि उन्हें और भव्य बनाने का हर संभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा और महाकुंभ जैसे आयोजन उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं। इन आयोजनों से न केवल श्रद्धालुओं की आस्था बढ़ती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। भाजपा सरकार ने इन आयोजनों के लिए सुरक्षा, स्वच्छता, और यातायात प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की है। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि हर श्रद्धालु को सुरक्षित और सुगम अनुभव प्राप्त हो। इसके लिए हमने व्यापक स्तर पर तैयारियाँ की हैं। पूर्व की सरकारों की अनदेखी के कारण कई बार श्रद्धालुओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।