क्या योगी सरकार दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग के सशक्तीकरण में बेमिसाल पहल कर रही है?
सारांश
Key Takeaways
- दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग के लिए सशक्तीकरण की योजनाएँ।
- शिक्षा और कौशल विकास पर जोर।
- सभी योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से पहुँचाने का प्रयास।
लखनऊ, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में, समाज के वंचित वर्गों, विशेषकर दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग, के समग्र सशक्तीकरण को अत्यधिक प्राथमिकता दे रही है। शिक्षा, पेंशन, निःशुल्क परिवहन, कौशल विकास और रोजगार से संबंधित योजनाओं के माध्यम से सरकार का उद्देश्य इन वर्गों को मुख्यधारा में लाते हुए आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन की ओर अग्रसर करना है।
इस दिशा में योगी सरकार ने दिव्यांग विश्वविद्यालयों को सशक्त बनाने के निर्देश दिए हैं, और योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने पर जोर दिया गया है।
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने विभागीय समीक्षा बैठक में कहा कि योगी सरकार की नीतियाँ केवल सहायता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाने पर केंद्रित हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पारदर्शी, समयबद्ध और प्रभावी ढंग से पहुँचाया जाए।
दिव्यांगजन के उच्च शिक्षा के प्रमुख केंद्रों के रूप में डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ और जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि इन संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम, कार्यशालाएँ और प्रचार-प्रसार अभियान चलाकर अधिक से अधिक दिव्यांग छात्रों को उच्च शिक्षा से जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार और रिक्त शिक्षकीय पदों पर नियुक्तियों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की समीक्षा में कहा गया कि योजनाओं की असली सफलता तभी मानी जाएगी जब उनका सीधा लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। मंत्री ने जनपद स्तर पर नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित करने और कमजोर प्रगति वाले जिलों में जिलाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में शादी अनुदान योजना से 72,690 लाभार्थी लाभान्वित हुए। छात्रवृत्ति योजना के तहत 12,76,303 विद्यार्थियों को सहायता मिली, जबकि कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में 25,588 ‘ओ’ लेवल और 9,304 ‘सीसीसी’ प्रशिक्षणार्थियों का लक्ष्य आवंटित किया गया।
दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की समीक्षा में बताया गया कि वर्तमान में 11,88,425 दिव्यांगजनों को दिव्यांग पेंशन, 13,357 लाभार्थियों को कुष्ठावस्था पेंशन, निःशुल्क बस यात्रा योजना के अंतर्गत 16,97,319 दिव्यांगजन एवं उनके सहयोगियों को लाभ मिला है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य निधि का उपयोग पूरी संवेदनशीलता के साथ दिव्यांगजनों के हित में किया जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
आगामी कार्यक्रमों के तहत लखनऊ में 7 दिवसीय राज्य स्तरीय दिव्यांग खेलकूद प्रतियोगिता, प्रयागराज और ललितपुर में दिव्यांग पुनर्वासन पर राष्ट्रीय कार्यशालाएँ, और प्रयागराज, प्रतापगढ़, कानपुर नगर, गोरखपुर, वाराणसी एवं बागपत में चित्रकला व हस्तकला प्रदर्शनी एवं कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी।