क्या उत्तर कोरिया में ड्रोन भेजकर मार्शल लॉ को सही ठहराने के आरोपों से पूर्व राष्ट्रपति यून ने इनकार किया?

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क्या उत्तर कोरिया में ड्रोन भेजकर मार्शल लॉ को सही ठहराने के आरोपों से पूर्व राष्ट्रपति यून ने इनकार किया?

सारांश

दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल ने उत्तर कोरिया में ड्रोन भेजने के आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई फोन कॉल का जिक्र किया। क्या ये आरोप उनके खिलाफ और भी गंभीर मुकदमे को जन्म देंगे?

Key Takeaways

  • यून सुक येओल ने ड्रोन भेजने के आरोपों से इनकार किया।
  • उनका दावा है कि उन्होंने ट्रंप के साथ फोन बातचीत में इस पर चर्चा की।
  • कोर्ट में उनकी हिरासत बढ़ाने या रिहाई पर निर्णय होना है।
  • आरोपों की गंभीरता को देखते हुए हिरासत में रखना जरूरी बताया गया है।

सोल, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल ने उन आरोपों को नकार दिया है जो कहते हैं कि उन्होंने अपने लागू किए गए मार्शल लॉ को सही ठहराने के लिए उत्तर कोरिया में ड्रोन भेजे थे। अपने दावे का समर्थन करने के लिए उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी फोन बातचीत का उल्लेख किया।

यून ने ये बातें मंगलवार को कोर्ट में कहीं। बंद दरवाजे के पीछे हुई सुनवाई में उनकी हिरासत की अवधि बढ़ाने या उन्हें रिहा करने पर निर्णय लिया जाना है। इस क्रम में उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में प्योंगयांग में ड्रोन तैनाती पर अपनी बात रखी।

योनहाप न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अपदस्थ राष्ट्रपति को जनवरी में न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। उन्हें 18 जनवरी को छह महीने की हिरासत अवधि समाप्त होने पर रिहा किया जाना है।

स्पेशल काउंसल चो यून-सुक की टीम ने पिछले महीने उनकी गिरफ्तारी बढ़ाने का अनुरोध किया था। इसके साथ ही उन पर ड्रोन अभियान का आरोप लगाया गया था, जिसका उद्देश्य उत्तर कोरिया को उकसाना और पिछले साल 3 दिसंबर को मार्शल लॉ की घोषणा के लिए इसे बहाना बनाना था।

सुनवाई के दौरान, यून ने दावा किया कि दुश्मन की मदद करने का आरोप सही नहीं है क्योंकि उन्हें किसी भी ड्रोन ऑपरेशन या हमले की कोई जानकारी नहीं मिली थी, और कहा कि ऐसी कोई भी कार्रवाई बिना उनकी जानकारी के नहीं हुई होगी।

यून ने पिछले साल नवंबर में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के बाद ट्रंप के साथ हुई 10 मिनट की फोन बातचीत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने उत्तर कोरिया द्वारा दक्षिण कोरिया में कचरा ले जाने वाले गुब्बारे भेजने पर चर्चा की थी।

पूर्व राष्ट्रपति के अनुसार, उन्होंने ट्रंप से कहा था कि उनकी सरकार गुब्बारों के मामले में "रणनीतिक धैर्य" की नीति का पालन कर रही है और जब तक उत्तर कोरिया की उकसावे वाली कार्रवाई से कोई हताहत नहीं होता, तब तक यह रुख बनाए रखेगी।

यून की कानूनी टीम ने तर्क दिया कि ड्रोन के आरोपों पर अलग मुकदमे में बात की जानी चाहिए।

स्पेशल काउंसल ने कहा कि यून को हिरासत में ही रहना चाहिए, क्योंकि उनके अपराधों की गंभीरता को देखते हुए यह जरूरी है।

चो की टीम ने यह भी तर्क दिया कि यून के राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए एक पूर्व राष्ट्रपति को रिहा करने से मुकदमे पर असर पड़ सकता है। चिंता जताई गई कि यून कथित सहयोगियों पर दबाव डाल सकते हैं।

अदालत ने दोनों पक्षों से अगले मंगलवार तक लिखित में अतिरिक्त तर्क प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है। उम्मीद है कि अदालत उस दिन के बाद हिरासत बढ़ाने पर अपना फैसला सुनाएगी। यदि इसे बढ़ाने की अनुमति दी जाती है, तो यून को छह और महीने के लिए जेल में रहना पड़ सकता है।

न्याय में बाधा डालने के आरोप पर फैसला 16 जनवरी को सुनाया जाना है।

यून पर मार्शल लॉ लागू करके विद्रोह का नेतृत्व करने के आरोपों पर भी एक अलग मुकदमा चल रहा है।

Point of View

NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या यून सुक येओल ने ड्रोन भेजने के आरोपों को स्वीकार किया है?
नहीं, उन्होंने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है।
उन्हें कब तक हिरासत में रखा जाएगा?
उन्हें 18 जनवरी को रिहा किया जाना है, लेकिन उनकी हिरासत बढ़ाने पर फैसला अदालत में होना है।
यून ने ट्रंप के साथ किस विषय पर बातचीत की थी?
उन्होंने उत्तर कोरिया द्वारा गुब्बारे भेजने के विषय पर चर्चा की थी।
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