क्या यूपीटीआईएस 2025 में यूपी के पर्यटन स्थलों का महा प्रदर्शन होगा?

सारांश
Key Takeaways
- यूपीआईटीएस 2025 एक महत्वपूर्ण पर्यटन प्रदर्शनी है।
- यह उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करेगा।
- आगंतुक स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प का अनुभव कर सकेंगे।
- यह आयोजन अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश का आकर्षण बढ़ेगा।
लखनऊ, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने आगामी यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस-2025) की तैयारी में जुटने का निर्णय लिया है। यह ट्रेड शो 25 से 29 सितंबर 2025 तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्स्पो मार्ट में आयोजित किया जाएगा। विभाग का मुख्य उद्देश्य लाखों स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों के सामने उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अनंत संभावनाएँ प्रदर्शित करना है, साथ ही यहाँ के स्थानीय उत्पाद, हस्तशिल्प और बहुरंगी संस्कृतियों को भी प्रमुखता से प्रस्तुत करना है।
यूपीआईटीएस-2025 उत्तर प्रदेश सरकार का एक महत्वपूर्ण ट्रेड शो है, जो नीति निर्माताओं, कॉर्पोरेट नेताओं, व्यापारिक प्रतिनिधियों और वैश्विक विशेषज्ञों को एकत्रित करने में मदद करेगा। इस बार भी, यह आयोजन राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इंडिया एक्स्पो मार्ट के हॉल नंबर 7 में पर्यटन विभाग लगभग 465 वर्ग मीटर के बड़े स्टॉल के माध्यम से उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों और उत्पादों को आकर्षक तरीके से प्रदर्शित करने की योजना बना रहा है।
पर्यटन विभाग के स्टॉल में उत्तर प्रदेश के हेरिटेज स्थलों, पीपीपी मॉडल पर आधारित परियोजनाओं, पर्यटन यात्राओं, पर्यटन सर्किट्स, हस्तशिल्प, ओडीओपी उत्पादों और मंदिर वास्तुकला जैसे विभिन्न थीम्स पर आधारित रचनात्मक सेटअप तैयार किया जाएगा। साथ ही आगंतुकों को उत्तर प्रदेश के पर्यटन से संबंधित ऐप्स की जानकारी भी दी जाएगी, जिससे उन्हें इंस्टॉल करने में सुविधा होगी। इसके अतिरिक्त, वेबसाइट्स और क्यूआर कोड के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इससे राज्य की पर्यटन क्षमताओं को मजबूत ब्रांड इमेज स्थापित करने में मदद मिलेगी।
विभाग की योजना है कि उसके स्टॉल को तीन ओर से खुला डिज़ाइन किया जाए, जिसमें मुख्य फसाड, सीएनसी कटिंग वाली लाइटेड साइनेज, एलईडी वॉल, लाइटिंग, कार्पेट और डिस्प्ले यूनिट्स शामिल होंगी। इसके अलावा वीवीआईपी लाउंज, बैठक टेबल, कॉफी मशीनें, पैंट्री और रिसेप्शन काउंटर जैसी सुविधाएँ भी होंगी। इसके अलावा, ऑटो-नेविगेशन स्क्रीन पर यूपी के प्रमुख पर्यटन स्थलों को प्रदर्शित किया जाएगा और एआर आधारित डिजिटल टच पैनल पर कम से कम 6 पर्यटन स्थलों की तस्वीरों के साथ सेल्फी लेने की व्यवस्था होगी।
यूपी टूरिज्म विभाग की योजना है कि स्टॉल में 10 से 15 वर्ग मीटर का विशेष स्थान सांस्कृतिक प्रदर्शनों के लिए तैयार किया जाए, जिसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। यहाँ मयूर नृत्य (ब्रज क्षेत्र), ट्राइबल डांस (सोनभद्र और लखीमपुर), बुंदेली लोक नृत्य (झांसी) और कथक (लखनऊ घराना) जैसे नृत्यों का प्रदर्शन होगा। रोजाना 6 शॉर्ट परफॉर्मेंस (प्रत्येक 5 मिनट) होंगे और आगंतुक इन कलाकारों के साथ सेल्फी ले सकेंगे। जैसे, 'पीकॉक कृष्णा' बूथ में मोर मुकुट पहनकर पोज देना या 'जंगल वॉरियर' जोन में ट्राइबल प्रॉप्स के साथ फोटो खिंचवाना।
विभाग की योजना है कि इवेंट प्लानिंग, B2B मीटिंग्स और 20 सह-प्रदर्शकों के लिए रजिस्ट्रेशन टेबल्स की व्यवस्था की जाए। यहाँ प्रत्येक पर दो टूरिज्म मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव्स मौजूद रहेंगे। यहाँ पर एलईडी स्टैंडी, लिट स्टैंडी, ब्रोशर स्टैंड्स और ग्लास शोकेस के माध्यम से पर्यटन सामग्रियाँ प्रदर्शित की जाएँगी। इससे आगंतुकों को यूपी के पर्यटन के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी और व्यापारिक साझेदारियाँ मजबूत होंगी।
कुल मिलाकर, पर्यटन विभाग यूपीआईटीएस 2025 के माध्यम से प्रदेश के पर्यटक स्थलों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की तैयारी में जुटा है। यह आयोजन न केवल राज्य की सांस्कृतिक विविधता को दुनिया के सामने लाएगा, बल्कि पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा। लाखों आगंतुकों के लिए यह एक यादगार अनुभव हो, विभाग इसके लिए मिशन मोड में जुटा हुआ है।