क्या जेन-जी ने आभासी दुनिया से बाहर निकलकर दुनिया को अपने होने का एहसास कराया?
सारांश
Key Takeaways
- जेन-जी ने वैश्विक स्तर पर अपने अधिकारों की मांग की।
- नेपाल के आंदोलन ने सोशल मीडिया प्रतिबंध को समाप्त कराया।
- फ्रांस में श्रम सुधारों के खिलाफ प्रदर्शन हुए।
- मोरक्को में शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर फिलीपींस में प्रदर्शन हुए।
नई दिल्ली, १० दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष २०२५ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जेन-जी (जेड) केवल डिजिटल क्षेत्र के भीतर सीमित नहीं है। यह आभासी दुनिया के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित होना नहीं चाहता, बल्कि वैश्विक स्तर पर राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बदलावों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। इस वर्ष युवा आंदोलनों और प्रदर्शनकारियों की ताकत ने अनेक देशों में सरकारों को झुकने के लिए मजबूर किया है और वैश्विक मीडिया में जेन-जी की चर्चा एक प्रमुख विषय बन गई है।
नेपाल का आंदोलन इस साल की सुर्खियों में रहा। ८ से १३ सितंबर तक काठमांडू में हजारों युवा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध, भ्रष्टाचार और सरकारी जवाबदेही की कमी के खिलाफ सड़कों पर उतरे। शांतिपूर्ण शुरुआत के बाद यह प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें संसद भवन और कई सरकारी कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया गया। इस आंदोलन के दौरान ७० से अधिक लोग मारे गए और १००० से अधिक घायल हुए। सरकार ने अंततः सोशल मीडिया पर प्रतिबंध वापस लेने का निर्णय लिया, जिससे पूरे देश में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई। इस आंदोलन ने नेपो किड्स को लेकर चर्चा को और बढ़ावा दिया।
फ्रांस भी इस स्थिति से अछूता नहीं रहा। जेन-जी ने श्रम सुधारों के खिलाफ प्रदर्शन किए। न्यूनतम वेतन, कार्य घंटे और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर युवा सड़क पर उतरे और सरकार को कुछ प्रस्तावित श्रम सुधारों को वापस लेने के लिए मजबूर किया।
सितंबर के अंत में मोरक्को में “जेनजी212” नामक आंदोलन शुरू हुआ। रबात और कासाब्लांका में हजारों युवा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सरकारी खर्चों में प्राथमिकताओं के खिलाफ सड़कों पर उतरे। उन्होंने स्टेडियम और महंगे इंफ्रास्ट्रक्चर के स्थान पर अस्पतालों और सार्वजनिक सुविधाओं पर खर्च बढ़ाने की मांग की। इस आंदोलन ने सरकार को अपनी खर्च नीति पर चर्चा करने और सार्वजनिक संवाद आरंभ करने के लिए प्रेरित किया।
अक्टूबर में पेरू के लीमा और अन्य शहरों में युवाओं ने राजनीतिक सुधार और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन किए। लाखों युवा राष्ट्रपति और संसद पर दबाव बनाने के लिए सड़कों पर उतरे, जिसके परिणामस्वरूप सरकार ने कुछ नीति सुधारों की घोषणा की।
अक्टूबर में ही फिलीपींस में लाखों युवाओं ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया। क्लाइमेट जेन-जी स्ट्राइक के रूप में जाने जाने वाले इस आंदोलन में युवा सरकार से सख्त जलवायु नीति अपनाने की मांग कर रहे थे।
इसी महीने मेक्सिको में युवा भ्रष्टाचार, ड्रग हिंसा और सुरक्षा के मुद्दों के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए। प्रारंभिक रूप से शांतिपूर्ण रहे आंदोलन के बाद में यह हिंसक हो गए और लगभग १२० लोग घायल हुए।
साल २०२५ में जेन-जी का बढ़ता प्रभाव प्रमुखता से सामने आया, जिसने यह साबित कर दिया कि बदलाव केवल ऑनलाइन प्रतिक्रियाओं या सोशल मीडिया ट्रेंड तक सीमित नहीं है। यह पीढ़ी सीधे और सक्रिय रूप से सड़कों पर उतरकर अपने अधिकारों के लिए, न्याय और बदलाव की मांग करना जानती है। नेपाल, मोरक्को, पेरू, फिलीपींस, फ्रांस और मेक्सिको में हुए जेन-जी आंदोलन इसी का उदाहरण हैं।