क्या 2026 में विदेशी निवेशकों की भारत में वापसी होगी, बैंकिंग और एनबीएफसी क्षेत्र में बढ़त की उम्मीद?
सारांश
Key Takeaways
- 2026 में विदेशी निवेशकों की संभावित वापसी।
- बैंकिंग और एनबीएफसी का मुनाफा बढ़ने की उम्मीद।
- उपभोक्ता उत्पादों में वृद्धि के संकेत।
- इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में अवसर।
- आईटी क्षेत्र में सीमित वृद्धि की संभावना।
नई दिल्ली, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वित्त वर्ष 2027 में आय में वृद्धि और अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौतों की संभावनाओं के चलते, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 2026 में भारत में कदम रख सकते हैं।
बुधवार को जारी एचएसबीसी म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट में कहा गया है, "भारतीय शेयर बाजार के लिए 2026 का दृष्टिकोण सकारात्मक है। निफ्टी का प्राइस-अर्निंग्स (पीई) रेश्यो 20.5 गुना है, जो पिछले 5 वर्षों के औसत के बराबर है और 10 वर्षों के औसत से थोड़ा अधिक है। इसका अर्थ है कि घरेलू बाजार में निवेश के लिए अच्छा अवसर है।"
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि बैंकिंग और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) में निवेश पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिससे वित्त वर्ष 2027 में बैंकों के मुनाफे में वृद्धि हो सकती है। वित्त वर्ष 2026 की धीमी गति के बाद, निजी बैंकों की गुणवत्ता में सुधार होगा, जो उनकी कमाई में मध्यम वृद्धि का कारण बन सकता है।
इसके अतिरिक्त, एनबीएफसी को क्रेडिट डिमांड और ब्याज दरों में कमी का लाभ मिल रहा है, जिससे उनका मुनाफा बढ़ रहा है।
एचएसबीसी ने उपभोक्ता उत्पाद के क्षेत्र को भी वृद्धिशील बताया है, विशेषकर इंटरनेट प्लेटफार्मों, ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स जैसे क्षेत्रों को फायदा हो रहा है। उपभोक्ताओं का रुझान तेजी से ऑनलाइन शॉपिंग की ओर बढ़ रहा है। गहनों, ऑटोमोबाइल और यात्रा से जुड़े क्षेत्रों को भी सरकारी योजनाओं से लाभ मिल रहा है, जो उपभोक्ताओं की खर्च क्षमता को बढ़ा रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2026 में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग एक बड़ा अवसर बन सकता है, क्योंकि सरकार ने इसे बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इससे भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत किया जा सकेगा।
हालांकि, रिपोर्ट में आईटी और औद्योगिक क्षेत्रों पर नकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्त किया गया है। आईटी क्षेत्र की कमाई में वित्त वर्ष 2027 में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन यह वृद्धि जेनेरिक एआई की बढ़ती मांग से संभव है।
रिपोर्ट में मेटल, खासकर एल्युमीनियम और स्टील की कीमतों के बारे में कहा गया है कि उनकी कीमतें पहले ही ऊंची हो चुकी हैं और अब उसमें कोई खास वृद्धि होने की संभावना नहीं है।
2025 में भारतीय बाजारों का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। निफ्टी टीआरआई में नवंबर तक 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि एनएसई मिडकैप में 6.5 प्रतिशत की बढ़त और बीएसई स्मॉलकैप में 5 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
रिपोर्ट में कहा गया, "हालांकि, 2025 में निफ्टी में आय की वृद्धि कम रही और शेयर बाजार में सुस्ती दिखी, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर कई सकारात्मक संकेत हैं, जो 2026 में बाजार को सहारा दे सकते हैं।"