क्या पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव के कारण भारतीय बाजार लाल निशान में हैं?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय शेयर बाजार आज लाल निशान पर है।
- भू-राजनीतिक तनाव का प्रमुख कारण पश्चिम एशिया में घटनाएँ हैं।
- ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ रहा है।
- निवेशकों को लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सलाह दी गई है।
- युद्ध की स्थिति में वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
नई दिल्ली, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। मार्केट एक्सपर्ट सुनील शाह ने सोमवार को बताया कि भारतीय शेयर बाजार आज लाल निशान पर कारोबार कर रहा है, जो पहले से ही अनुमानित था। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर बाजारों में गिरावट का एकमात्र कारण पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव है।
शाह ने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया, जिससे स्थिति और अधिक बिगड़ गई है। एक ओर रूस और चीन जैसे देश ईरान का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इजरायल को अमेरिका का समर्थन मिल रहा है। इस कारण निवेशकों में इस तनाव के बड़े युद्ध में बदलने का डर बना हुआ है।"
शाह ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "मैं यहाँ विश्व युद्ध का शब्द नहीं इस्तेमाल करूँगा, लेकिन युद्ध की इस स्थिति में कई देश शामिल हैं, ऐसे में यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।"
होर्मुज जलडमरूमध्य को लेकर शाह ने कहा कि अगर ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर देता है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि तेल की कीमतें आसमान छू जाएंगी और भारत को उच्च ऊर्जा कीमतों से भी समस्या हो सकती है।
उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा, "निवेशकों के मन में सभी तरह की घबराहट के बावजूद, हम आशा करते हैं कि चीजें बेहतर होंगी, जो हमारे हित में होगा और शांति बनी रहेगी। यह न केवल हमारे बाजार के लिए, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और वैश्विक पूंजी बाजारों के लिए भी आवश्यक है।"
ट्रेडर्स को सलाह देते हुए शाह ने कहा कि एक बात का ध्यान रखें, आप जो भी निवेश करें, वह वास्तव में लंबी अवधि यानी तीन से पांच साल के लिए होना चाहिए, यदि आप व्यापार के गलत पक्ष पर हैं, तो व्यापार आपको नुकसान पहुंचा सकता है।