क्या चुनाव आयोग के सत्यापन अभियान से मतदाताओं को जागरूक करने में मदद मिलेगी? : शांभवी चौधरी

सारांश
Key Takeaways
- मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए सत्यापन अभियान महत्वपूर्ण है।
- चुनाव आयोग की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की कोशिशें।
- फर्जी नामों को हटाने का प्रयास।
- महिलाओं और युवाओं को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता।
- सत्यापन अभियान से लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी।
पटना, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को देखते हुए चुनाव आयोग (ईसीआई) मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान घर-घर जाकर व्यापक सत्यापन अभियान चलाने का मन बना रहा है। लोजपा (रामविलास) सांसद शांभवी चौधरी ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इस पहल से मतदाताओं में जागरूकता लाने में मदद मिलेगी।
शांभवी चौधरी ने सोमवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा, "चुनाव आयोग की ओर से किया जा रहा कार्य बहुत ही सराहनीय है। हम इसकी सराहना करते हैं और उम्मीद करते हैं कि इसे पूरी ईमानदारी के साथ किया जाएगा। इस पहल से मतदाताओं में जागरूकता लाने में भी मदद मिलेगी। जब भी कोई गणना कार्य या किसी भी तरह का सर्वेक्षण होता है और विसंगतियों की पहचान की जाती है और उन्हें ठीक किया जाता है, तो इससे न केवल समाज को बल्कि चुनावी प्रक्रिया और राजनीतिक गतिविधियों को भी फायदा होता है। कई महिलाएं मतदाता होंगी, कुछ नए युवा मतदाता बने होंगे, जिन्हें इस टास्क के तहत जागरूक किया जाएगा। इस दौरान उनके डाटा लेने के बाद संकलन किया जाएगा।"
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, "चुनाव आयोग का हमेशा से यह लक्ष्य रहा है कि अपने अधिकार क्षेत्र में मतदाताओं को चुनाव के दौरान बेहतर सुविधाएं मिलें। इसलिए हमने लोगों के घरों तक मतदाता पर्ची पहुंचाने और मतदाताओं को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने जैसी पहल देखी है। अब सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसे प्रस्तावों से यह स्पष्ट है कि आयोग पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ चुनाव कराने का प्रयास कर रहा है।"
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए चुनाव आयोग (ईसीआई) का यह कदम मतदाता सूचियों की स्पष्टता सुनिश्चित करने और फर्जी या अपात्र नामों को हटाने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है।