क्या शेयर बाजार में तेजी का असर है? अक्टूबर में एफपीआई निवेश 6,000 करोड़ रुपए के पार!

सारांश
Key Takeaways
- अक्टूबर में एफपीआई निवेश 6,000 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है।
- पिछले तीन महीनों में एफपीआई शुद्ध विक्रेता रहे थे।
- भारतीय शेयर बाजार ने 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर प्राप्त किया है।
- मुद्रास्फीति में नरमी और मजबूत मैक्रो फंडामेंटल ने निवेश को प्रोत्साहित किया है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि यह निवेश के लिए उपयुक्त समय है।
मुंबई, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय शेयर बाजार में चल रही तेजी ने अक्टूबर में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में सफलता पाई है। इस महीने, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इक्विटी में 6,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 17 अक्टूबर तक इक्विटी में 6,480 करोड़ रुपए का निवेश किया। इससे पहले, विदेशी निवेशक लगातार तीन महीनों तक शुद्ध विक्रेता बने रहे।
एफपीआई ने सितंबर में 23,885 करोड़ रुपए, अगस्त में 34,993 करोड़ रुपए, और जुलाई में 17,741 करोड़ रुपए की बिकवाली की थी।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, "एफआईआई रणनीति में इस बदलाव का मुख्य कारण भारत और अन्य बाजारों के बीच मूल्यांकन के अंतर में कमी है। पिछले एक साल में भारत के कमजोर प्रदर्शन ने आगे चलकर बेहतर प्रदर्शन की संभावनाओं को खोल दिया है।"
पिछला हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी शुभ रहा और यह 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान, निफ्टी 424 अंक या 1.68 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 25,709.85 पर और सेंसेक्स 1,451.37 अंक या 1.76 प्रतिशत की मजबूती के साथ 83,952.19 पर पहुंचा।
सेक्टोरल आधार पर, निफ्टी रियल्टी 4.14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ शीर्ष लाभार्थी रहा। इसके अलावा, निफ्टी ऑटो 1.90 प्रतिशत, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 2.59 प्रतिशत, निफ्टी एफएमसीजी 3.00 प्रतिशत, निफ्टी इन्फ्रा 1.70 प्रतिशत, और निफ्टी कंजप्शन 2.73 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बंद हुआ।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा कि मुद्रास्फीति में नरमी, मजबूत घरेलू मैक्रो फंडामेंटल और आय की तेज गति मध्यम अवधि के लिए एक अच्छा सेटअप प्रदान करती है। आगामी कारोबारी सप्ताह इवेंट्स से भरपूर होगा, जिसमें निवेशकों के लिए कई प्रमुख ट्रिगर्स होंगे।