क्या सोना-चांदी की कीमतें ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गई हैं?

सारांश
Key Takeaways
- कीमतों में तेजी का मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक बदलाव हैं।
- सोने और चांदी की कीमतें ऑल-टाइम हाई पर हैं।
- निवेशकों के लिए नई संभावनाएँ उत्पन्न हो रही हैं।
- ब्याज दरों में संभावित कटौती मुद्रास्फीति के विरुद्ध एक बचाव है।
- सोने की कीमतें 3600 डॉलर के पार जा चुकी हैं।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सोने और चांदी की कीमती धातुओं की कीमतों में बुधवार को उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दोनों धातुओं की कीमतें अब ऑल-टाइम हाई पर पहुँच गई हैं। 10 ग्राम सोने की कीमत 1.06 लाख के पार जा चुकी है, वहीं 1 किलोग्राम चांदी ने भी 1.23 लाख का आंकड़ा पार कर लिया है।
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत बढ़कर 1,06,021 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है, जबकि मंगलवार को यह 1,04,424 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। 24 घंटे में 24 कैरेट सोने में 1,597 रुपए प्रति 10 ग्राम की वृद्धि हुई है।
22 कैरेट सोने की कीमत 97,115 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो पहले 95,652 रुपए थी। 18 कैरेट सोने की कीमत भी बढ़कर 79,516 रुपए हो गई है, जबकि पहले यह 78,318 रुपए थी।
चांदी की कीमत भी बढ़कर 1,23,220 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है, जो पहले 1,22,833 रुपए थी। चांदी की कीमत में 387 रुपए की वृद्धि हुई है।
आईबीजेए द्वारा सोने और चांदी की कीमतें दिन में दो बार, सुबह और शाम अपडेट की जाती हैं।
वायदा बाजार में भी सोने और चांदी की कीमत में वृद्धि देखी गई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के 3 अक्टूबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 0.62 प्रतिशत बढ़कर 1,06,447 रुपए और चांदी के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 0.27 प्रतिशत बढ़कर 1,24,863 रुपए हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने और चांदी की कीमतों में वृद्धि हुई है। कॉमैक्स पर सोने की कीमत 0.63 प्रतिशत बढ़कर 3,615.00 डॉलर प्रति औंस और चांदी की कीमत 0.41 प्रतिशत बढ़कर 41.240 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है।
वेंचुरा के कमोडिटी डेस्क के हेड एन एस रामास्वामी ने कहा, "सोना (कॉमेक्स फ्यूचर्स) 3600 डॉलर के पार पहुंच गया है। यह तेजी संरचनात्मक बदलावों से जुड़ी है। वैश्विक केंद्रीय बैंकों के विदेशी मुद्रा भंडार में जानबूझकर किया गया बदलाव सोने की कीमतों को प्रभावित कर रहा है।"
उन्होंने आगे कहा कि सोना अब केवल मुद्रास्फीति के विरुद्ध एक साधन नहीं रह गया है, क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व मुद्रास्फीति बढ़ने के साथ ब्याज दरों में कटौती करने की तैयारी कर रहा है। इस महीने ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों की अनिश्चितता सोने को समर्थन दे रही है। यह तेजी की गति निवेशकों के लिए एक सतर्क संकेत है।