क्या सीपीईसी फेज-2 पर चीन की सख्ती पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती बन गई है?

Click to start listening
क्या सीपीईसी फेज-2 पर चीन की सख्ती पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती बन गई है?

सारांश

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का दूसरा चरण पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती बन रहा है। चीन ने सुरक्षा और अन्य कड़े शर्तों को लेकर स्पष्टता दी है, जिससे पाकिस्तान को मुश्किलें आ सकती हैं। क्या पाकिस्तान इन शर्तों को पूरा कर पाएगा?

Key Takeaways

  • सुरक्षा: चीन ने सुरक्षा सुनिश्चित करने की शर्त रखी है।
  • अमेरिका के साथ रिश्ते: पाकिस्तान को अमेरिका के साथ अपने संबंधों की स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
  • स्थानीय लाभ: संसाधनों का स्थानीय लोगों तक पहुंचाना अनिवार्य है।

नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना का दूसरा चरण पाकिस्तान के लिए आसान साबित नहीं होगा। चीन ने स्पष्ट किया है कि इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए कई कठोर शर्तें पूरी करनी होंगी।

सबसे बड़ी चिंता सुरक्षा को लेकर है। चीन के हितों पर लगातार तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) द्वारा हमले होते रहे हैं। पहले चरण के दौरान भी चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। बीएलए का कहना है कि पाकिस्तान सरकार क्षेत्र के संसाधनों का दोहन करती है, लेकिन उसका लाभ स्थानीय लोगों तक नहीं पहुंचता।

इस मुद्दे पर पाकिस्तान और चीन के बीच 2 से 4 सितंबर तक बीजिंग में चल रही बैठकों में चर्चा की जा रही है। चीन ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा गारंटी के बिना परियोजना का अगला चरण संभव नहीं है।

टीटीपी से पाकिस्तानी सेना को भी भारी नुकसान हुआ है। पाकिस्तान ने इसके लिए अफगान तालिबान को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि वे टीटीपी को अपनी जमीन से हमले करने की अनुमति देते हैं। हाल ही में चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुई त्रिपक्षीय बैठक में भी यह मुद्दा उठाया गया था। अफगानिस्तान ने बीएलए के लिए आश्वासन दिया लेकिन टीटीपी पर कोई भरोसा नहीं दिलाया।

सुरक्षा के अलावा, चीन को पाकिस्तान और अमेरिका के बढ़ते रिश्तों पर भी चिंता है। बीजिंग ने इस पर सफाई मांगी है और कहा है कि पाकिस्तान को अमेरिका के साथ अपने संबंधों की स्थिति स्पष्ट करनी होगी।

इसके साथ ही पाकिस्तान के दुर्लभ खनिज भंडार (रेयर अर्थ मिनरल्स) पर भी चीन और अमेरिका दोनों की नजर है। चीन जानना चाहता है कि अमेरिका के साथ इस मामले में पाकिस्तान का क्या समझौता हुआ है और उसमें चीन की हिस्सेदारी कितनी होगी।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के नेतृत्व में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल इस समय बीजिंग में है, जहां वे राष्ट्रपति शी जिनपिंग, प्रधानमंत्री ली कियांग, विदेश मंत्री वांग यी और शीर्ष सैन्य अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं।

चीन ने पाकिस्तान को यह भी कहा है कि अफगानिस्तान तक सीपीईसी के विस्तार में वह अहम भूमिका निभाए और सुरक्षा संबंधी रोडमैप तैयार करे। बीजिंग को आशंका है कि अफगानिस्तान में मौजूद टीटीपी चीन की परियोजनाओं पर हमले कर सकता है।

हालांकि चीन सीपीईसी का विस्तार चाहता है, लेकिन पहले चरण में झेले भारी नुकसान को देखते हुए वह बेहद सतर्क है। मौजूदा हालात में पाकिस्तान के लिए चीन की शर्तें पूरी करना एक कठिन चुनौती है।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि पाकिस्तान के लिए सीपीईसी का अगला चरण एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसे सुरक्षा और कड़े शर्तों के संदर्भ में देखना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी राष्ट्रीय हितों की रक्षा हो।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

सीपीईसी का दूसरा चरण क्या है?
सीपीईसी का दूसरा चरण चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का विस्तार है, जिसमें नई परियोजनाओं और विकास योजनाओं का समावेश है।
चीन ने पाकिस्तान से क्या शर्तें रखी हैं?
चीन ने सुरक्षा, संसाधनों के उचित वितरण और अमेरिका के साथ संबंधों की स्थिति को स्पष्ट करने की शर्तें रखी हैं।
क्या सीपीईसी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
यदि सुरक्षा संबंधी मुद्दे हल हो जाते हैं, तो सीपीईसी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सकता है।
Nation Press