क्या अमेरिका 1 अगस्त से टैरिफ बढ़ोतरी लागू करेगा?

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क्या अमेरिका 1 अगस्त से टैरिफ बढ़ोतरी लागू करेगा?

सारांश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापारिक साझेदारों को टैरिफ दरों के बारे में सूचित करने के लिए पत्र भेजने की प्रक्रिया शुरू की है। यह निर्णय भारत समेत विभिन्न देशों के साथ उच्च शुल्क से बचने के लिए अंतिम वार्ताओं का हिस्सा है। क्या यह कदम व्यापारिक संबंधों को सुधारने में मदद करेगा?

Key Takeaways

  • अमेरिका १ अगस्त से टैरिफ बढ़ोतरी लागू करेगा।
  • ट्रंप प्रशासन ने व्यापारिक साझेदारों को पत्र भेजना प्रारंभ किया।
  • भारत सहित विभिन्न देशों के साथ वार्ता चल रही है।
  • टैरिफ दरें ६०%-७०% और १०%-२०% के बीच होंगी।
  • व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद है।

नई दिल्ली, ४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह घोषणा की है कि अमेरिकी प्रशासन शुक्रवार से व्यापारिक साझेदारों को उनके टैरिफ दरों के संबंध में सूचनात्मक पत्र भेजना शुरू कर देगा। यह कदम भारत सहित कई देशों के साथ उच्च अमेरिकी शुल्क से बचने के लिए वार्ता के अंतिम चरण में पहुँचने के संदर्भ में है।

ट्रंप ने गुरुवार रात को संवाददाताओं से कहा कि शुक्रवार को लगभग १० से १२ देशों को पत्र भेजे जाएंगे और इसके बाद कुछ दिनों में और पत्र भेजे जाएंगे।

उन्होंने कहा कि टैरिफ की दरें ६० प्रतिशत-७० प्रतिशत और १० प्रतिशत-२० प्रतिशत के बीच होंगी, जिन्हें इन देशों को अमेरिका के साथ व्यापार करने के लिए १ अगस्त से चुकाना प्रारंभ करना होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स में ट्रंप के हवाले से कहा गया है, "मेरा झुकाव एक पत्र भेजने और यह बताने की ओर है कि किस देश को कितना टैरिफ चुकाना होगा। हमारे पास १७० से अधिक देश हैं और आप कितने सौदे कर सकते हैं? आप अच्छे सौदे कर सकते हैं, लेकिन वे बहुत अधिक जटिल हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं बस एक सरल सौदा करना चाहता हूं, जहां आप इसे बनाए रख सकें और इसे नियंत्रित कर सकें। आप २० प्रतिशत या ३० प्रतिशत टैरिफ का भुगतान करने जा रहे हैं, और हम संभवतः कल से शायद रोजाना १०, विभिन्न देशों को पत्र भेजने वाले हैं, जिसमें बताया जाएगा कि वे अमेरिका के साथ व्यापार करने के लिए क्या भुगतान करने जा रहे हैं।"

ट्रंप ने वियतनाम और चीन सहित कई व्यापार सौदों की घोषणा की है। उन्होंने पिछले महीने कहा था कि अमेरिका और भारत एक समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।

यह घोषणा ९ जुलाई की समय सीमा से पहले की गई है, जिसे रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के बाद कुछ देशों के साथ डील करने के लिए ट्रम्प प्रशासन द्वारा निर्धारित किया गया था।

यह व्यापार वार्ता के लिए ९० दिनों का विराम था, जिसके दौरान अधिकांश देशों के लिए टैरिफ दर को १० प्रतिशत से कम रखा गया था ताकि ९ जुलाई तक वार्ताएँ की जा सकें।

विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारत की वार्ता टीम द्विपक्षीय व्यापार समझौते को समाप्त करने के लिए उच्च स्तरीय वार्ता में शामिल होने के लिए वाशिंगटन में है।

भारतीय और अमेरिकी वार्ताकार ९ जुलाई की समय सीमा से पहले एक अंतरिम व्यापार सौदे को अंतिम रूप देने का लक्ष्य बना रहे थे।

इसके बाद सितंबर-अक्टूबर में एक बड़े व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के लिए बातचीत जारी रहने की उम्मीद है।

अमेरिका अपने कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए व्यापक बाजार पहुंच की मांग कर रहा है, जो भारत के लिए एक बड़ी बाधा है क्योंकि यह देश के छोटे किसानों की आजीविका का मुद्दा है और इसलिए इसे एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।

Point of View

बल्कि अन्य देशों पर भी। हमें इस व्यापारिक वार्ता का समर्थन करना चाहिए ताकि संतुलित और लाभकारी समझौते की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

टैरिफ बढ़ोतरी का मुख्य कारण क्या है?
अमेरिका का लक्ष्य अपने व्यापारिक साझेदारों से अधिक राजस्व संग्रह करना और व्यापारिक संतुलन को सुधारना है।
भारत पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
भारत को अपने कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए व्यापक बाजार पहुंच की जरूरत है, जो इस टैरिफ बढ़ोतरी से प्रभावित हो सकता है।
क्या भारत और अमेरिका के बीच कोई समझौता हो सकता है?
हां, दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है और एक अंतरिम समझौते की उम्मीद है।
टैरिफ दरें कितनी होंगी?
टैरिफ दरें 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत और 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत के बीच होंगी।
इसका वैश्विक व्यापार पर क्या असर होगा?
यह निर्णय वैश्विक व्यापार में अस्थिरता ला सकता है और अन्य देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है।