क्या आईएमएफ ने भारत के यूपीआई को दुनिया का सबसे बड़ा रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम मान्यता दी?

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क्या आईएमएफ ने भारत के यूपीआई को दुनिया का सबसे बड़ा रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम मान्यता दी?

सारांश

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के यूपीआई को विश्व का सबसे बड़ा रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम मान्यता दी है। यह उपलब्धि भारतीय डिजिटल भुगतान के विकास को दर्शाती है और छोटे व्यापारियों के लिए डिजिटल भुगतान को अपनाने में मदद प्रदान करती है। जानिए इस रिपोर्ट में क्या कुछ खास है।

Key Takeaways

  • यूपीआई को दुनिया का सबसे बड़ा रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम माना गया है।
  • भारत में डिजिटल भुगतान के लिए कई पहलों का संचालन किया गया है।
  • छोटे व्यापारियों के लिए यूपीआई अपनाने में सहायता प्रदान की जा रही है।
  • ग्लोबल रियल-टाइम भुगतान प्रणाली में यूपीआई की 49% हिस्सेदारी है।

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को लेनदेन की मात्रा के आधार पर दुनिया के सबसे बड़े रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम के रूप में मान्यता दी है। यह जानकारी सरकार की ओर से सोमवार को साझा की गई।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में कहा कि इस तथ्य को आईएमएफ की जून 2025 की ‘बढ़ते खुदरा डिजिटल भुगतान (इंटरऑपरेबिलिटी की वैल्यू)’ रिपोर्ट में उल्लेखित किया गया था।

इसके अतिरिक्त, एसीआई वर्ल्डवाइड की 'प्राइम टाइम फॉर रियल-टाइम' 2024 रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक रियल-टाइम भुगतान प्रणाली में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी और 129.3 अरब के लेनदेन के साथ यूपीआई वैश्विक सूची में पहले स्थान पर है। ब्राजील 14 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी और 37.4 प्रतिशत लेनदेन के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि थाईलैंड 8 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी और 20.4 अरब के लेनदेन के साथ तीसरे स्थान पर है। चीन 6 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी और 17.2 अरब के लेनदेन के साथ चौथे स्थान पर है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि छोटे व्यापारियों को यूपीआई समेत डिजिटल भुगतान प्रणालियों को अपनाने में सहायता प्रदान करने के लिए, सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा समय-समय पर कई पहलों का संचालन किया गया है।

इन पहलों में कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए एक प्रोत्साहन योजना और भुगतान अवसंरचना विकास कोष (पीआईडीएफ) शामिल है, जो टियर-3 से टियर-6 केंद्रों में डिजिटल भुगतान अवसंरचना (जैसे पीओएस टर्मिनल और क्यूआर कोड) की स्थापना के लिए बैंकों और वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों को अनुदान मदद प्रदान करता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 31 अक्टूबर, 2025 तक, टियर-3 से टियर-6 केंद्रों में पीआईडीएफ के माध्यम से लगभग 5.45 करोड़ डिजिटल टचपॉइंट स्थापित किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, वित्त वर्ष 2024-25 तक, लगभग 6.5 करोड़ व्यापारियों के लिए कुल 56.86 करोड़ क्यूआर स्थापित किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार, आरबीआई और एनपीसीआई ने देश भर में सार्वजनिक सेवाओं, परिवहन और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सहित सभी व्यवसायों में रुपे और यूपीआई के माध्यम से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की पहल की है।

Point of View

जो न केवल डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में प्रगति को दर्शाता है बल्कि छोटे व्यापारियों के लिए भी एक उज्वल भविष्य की ओर इशारा करता है। यूपीआई की सफलता ने वैश्विक स्तर पर भारत की वित्तीय प्रणाली को एक नई पहचान दिलाई है।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

यूपीआई क्या है?
यूपीआई एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है जो उपयोगकर्ताओं को मोबाइल फोन के माध्यम से रियल-टाइम में पैसे भेजने और प्राप्त करने की सुविधा देती है।
आईएमएफ ने यूपीआई को क्यों मान्यता दी?
आईएमएफ ने यूपीआई को लेनदेन की मात्रा के आधार पर दुनिया के सबसे बड़े रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम के रूप में मान्यता दी है।
भारत में डिजिटल भुगतान को कैसे बढ़ावा दिया जा रहा है?
सरकार, आरबीआई और एनपीसीआई द्वारा विभिन्न पहलों के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जा रहा है।
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