क्या यूपीआई का असर भारत में तेजी से भुगतान करने में मदद कर रहा है?

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क्या यूपीआई का असर भारत में तेजी से भुगतान करने में मदद कर रहा है?

सारांश

भारत में डिजिटल भुगतान की प्रणाली में यूपीआई का प्रसार, आईएमएफ द्वारा उल्लेखित तेजी से भुगतान की स्थिति को दर्शाता है। यह प्लेटफॉर्म न केवल लेनदेन की संख्या में बढ़ोतरी ला रहा है, बल्कि उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव भी प्रदान कर रहा है। जानें यूपीआई का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या असर है।

Key Takeaways

  • यूपीआई ने भारत में डिजिटल भुगतान की गति को बढ़ाया है।
  • आईएमएफ के अनुसार, इंटरऑपरेबिलिटी उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाती है।
  • यूपीआई अब प्रति माह 18 अरब से अधिक लेनदेन करता है।
  • नकद लेनदेन में गिरावट देखी जा रही है।
  • जून में यूपीआई लेनदेन की मात्रा में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने एक नोट में उल्लेख किया है कि भारत अन्य देशों की तुलना में तेजी से भुगतान कर रहा है। इसका मुख्य कारण देश में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का व्यापक उपयोग है।

आईएमएफ के 'बढ़ते खुदरा डिजिटल भुगतान: इंटरऑपरेबिलिटी का मूल्य' शीर्षक वाले नोट के अनुसार, 2016 में शुरू होने के बाद से यूपीआई ने तेजी से विस्तार किया है, जबकि नकद लेनदेन में गिरावट आई है। वर्तमान में, यूपीआई प्रति माह 18 अरब से अधिक लेनदेन को प्रोसेस करता है और भारत में अन्य इलेक्ट्रॉनिक खुदरा भुगतानों में अग्रणी बन गया है।

यूपीआई एक त्वरित भुगतान प्लेटफॉर्म है, जो इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) इन्फ्रास्ट्रक्चर पर आधारित है।

नोट में आगे कहा गया है कि यूपीआई ने भारत में डिजिटल भुगतान के तरीके को पूरी तरह से परिवर्तित कर दिया है। इस प्लेटफॉर्म से प्राप्त डेटा यह दर्शाता है कि इंटरऑपरेबिलिटी उपयोगकर्ताओं के डिजिटल भुगतान के अनुभव को बेहतर बना सकती है और नई तकनीकों को अपनाने की दर को बढ़ा सकती है।

आईएमएफ ने कहा है, "इंटरऑपरेबिलिटी सीधे उपयोगकर्ताओं को उनके पसंदीदा ऐप का चयन करने की स्वतंत्रता प्रदान करती है, जिससे वे उपलब्ध ऐप्स की विविधता और गुणवत्ता का पूरा लाभ उठा सकते हैं। यह नए प्रदाताओं के लिए प्रवेश को भी सुगम बना सकती है और मौजूदा प्रदाताओं को अपने ऐप्स को अपग्रेड करने के लिए प्रेरित कर सकती है, जिससे उपयोगकर्ताओं को अप्रत्यक्ष लाभ मिल सकता है।"

भारत में यूपीआई को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने 2016 के अंत में भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) ऐप को लॉन्च किया था।

जून में, यूपीआई लेनदेन की मात्रा में सालाना आधार पर 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष जून की तुलना में लेनदेन के मूल्य में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। दैनिक यूपीआई लेनदेन की संख्या मई के 602 मिलियन से बढ़कर जून में 613 मिलियन हो गई।

Point of View

बल्कि यह आर्थिक समावेशिता को भी बढ़ावा दे रहा है। यूपीआई का विकास भारत की वित्तीय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो हमारे देश को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद कर रहा है।

NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

यूपीआई क्या है?
यूपीआई एक त्वरित भुगतान प्लेटफॉर्म है, जो इमीडिएट पेमेंट सर्विस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर आधारित है।
आईएमएफ ने यूपीआई के बारे में क्या कहा?
आईएमएफ ने भारत में यूपीआई के उपयोग को तेजी से भुगतान का एक महत्वपूर्ण कारण बताया है।