क्या भारत आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और आत्मरक्षा के सिद्धांतों पर आगे बढ़ रहा है? : पीयूष गोयल

सारांश
Key Takeaways
- भारत आत्मनिर्भरता के सिद्धांतों पर काम कर रहा है।
- आत्मविश्वास से भारत वैश्विक मंच पर मजबूत स्थिति में है।
- आत्मरक्षा का मतलब भारतीयों की सुरक्षा है।
- जीएसटी सुधार उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होंगे।
- आंध्र प्रदेश में लॉजिस्टिक्स सिस्टम को बेहतर बनाने की योजना है।
नई दिल्ली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को बताया कि भारत आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और आत्मरक्षा के तीन महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश अपनी क्षमताओं, सप्लाई चेन और वैल्यू चेन को मजबूत करने की दिशा में बढ़ रहा है।
30वें सीआईआई पार्टनरशिप समिट 2025 में केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि भारत, जो कि दुनिया में अपनी एक मजबूत स्थिति को स्थापित कर रहा है, अपने नागरिकों और मानवता के व्यापक हितों की रक्षा कर रहा है।
आत्मनिर्भरता का असली मतलब है एक मजबूत सप्लाई और वैल्यू चेन का निर्माण करना, जो बाहरी चुनौतियों का सामना कर सके और यह सुनिश्चित कर सके कि भारत हमेशा अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के प्रति सजग रहे।
आत्मविश्वास के संदर्भ में, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत आज वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक समान हितधारक के रूप में जुड़ते हुए महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पाने का आत्मविश्वास रखता है।
उन्होंने आत्मरक्षा को भारतीयों की सुरक्षा और मानव जाति के व्यापक हितों की रक्षा करने का माध्यम बताया, जो कि जी-20 शिखर सम्मेलन की थीम वसुधैव कुटुम्बकम - 'एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य' के अनुरूप है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने जीएसटी सुधारों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे उपभोक्ताओं पर कर का बोझ घटेगा और उपभोग आधारित विकास को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा, "हाल ही में हमने भारत में जीएसटी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव देखे हैं, जिससे यह प्रणाली अधिक सरल हो जाएगी, उपभोक्ताओं पर कर का बोझ कम होगा और भारतीय अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता खर्च और उपभोग आधारित विकास को तेजी मिलेगी।"
इस कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, "हम 1000 किलोमीटर के पूर्वी तट पर हर 50 किलोमीटर पर एक पोर्ट बनाने की योजना बना रहे हैं। राज्य के अंदर, हम और अधिक एयरपोर्ट भी स्थापित कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि हम आंध्र प्रदेश में सबसे बेहतरीन लॉजिस्टिक्स सिस्टम बनाना चाहते हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हम हमेशा पहले स्थान पर रहे हैं। अब हमने बिजनेस करने की गति भी बढ़ा दी है।