क्या बाबा रामदेव ने जीएसटी दरों में बदलाव पर पीएम मोदी की सराहना की?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी की दरों में बदलाव से उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
- गरीबों और छोटे व्यापारियों को नई उम्मीद मिलेगी।
- रोजाना की वस्तुओं पर जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है।
- बच्चों की शिक्षा से जुड़ी वस्तुओं पर जीएसटी समाप्त कर दिया गया है।
- प्रधानमंत्री का 'विकसित भारत' का सपना आगे बढ़ेगा।
हरिद्वार, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। योग गुरु बाबा रामदेव ने जीएसटी की दरों में बदलाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की सराहना की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह निर्णय गरीब, किसान, मध्यम वर्ग और छोटे व्यापारियों के जीवन में नई उम्मीद उत्पन्न करेगा।
हरिद्वार में मीडिया से बातचीत करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि मोदी जी ने देशवासियों को एक महत्वपूर्ण उपहार दिया है। इस निर्णय से न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी। आम जनता की बचत में वृद्धि होगी और वे अपनी आवश्यकताओं को आसानी से पूरा कर सकेंगे।
बाबा रामदेव ने विशेष रूप से इस पर प्रसन्नता व्यक्त की कि रोजाना उपयोग की जाने वाली वस्तुओं जैसे साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट और बिस्किट पर पहले 12 से 18 प्रतिशत का जीएसटी था, जिसे घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा, बच्चों की शिक्षा से संबंधित सामान पर जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। घी और बटर जैसे दूध से बने उत्पादों पर जीएसटी को घटाकर 0 से 5 प्रतिशत तक किया गया है। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि तंबाकू और शराब जैसे हानिकारक उत्पादों को 40 प्रतिशत के स्लैब में रखा गया है, जो एक अच्छी पहल है।
योग गुरु बाबा रामदेव ने बताया कि जिस प्रकार भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है और प्रधानमंत्री का 'विकसित भारत' का सपना है, उस दिशा में देश आगे बढ़ेगा। निश्चित रूप से, हम वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे। चाहे इसे ग्राहकों के दृष्टिकोण से देखें या अर्थव्यवस्था की गति को और तेज करने के संदर्भ में, ये सभी कदम बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसके लिए हम प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हैं।
इसके साथ ही, बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भाजपा बिहार के साथ मजबूती से खड़ी है और कहती है कि वह माताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी। किसी भी मां का अपमान हमारी प्रकृति और संस्कृति के विरुद्ध है। मेरा मानना है कि विपक्ष ने आत्मघाती कदम उठाया है। सभी राजनीतिक दलों को आत्मचिंतन करना चाहिए। ऐसी असंवेदनशीलता कभी नहीं दिखाई जानी चाहिए।