क्या भारत ग्लोबल एआई सॉफ्टवेयर और सर्विस मार्केट में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए तैयार है? : रिपोर्ट

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क्या भारत ग्लोबल एआई सॉफ्टवेयर और सर्विस मार्केट में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए तैयार है? : रिपोर्ट

सारांश

भारत एआई सॉफ्टवेयर और सेवाओं के क्षेत्र में अपनी भागीदारी को बढ़ाने के लिए तैयार है। एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत वैश्विक स्तर पर एआई विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। क्या भारत इस अवसर का लाभ उठाएगा?

Key Takeaways

  • भारत एआई सॉफ्टवेयर और सेवाओं में महत्वपूर्ण अवसरों का सामना कर रहा है।
  • 2030 तक 8 प्रतिशत वैश्विक क्षमता का लक्ष्य रखना आवश्यक है।
  • फिनटेक क्षेत्र में भारतीय कंपनियों ने 35 प्रतिशत की वृद्धि की है।
  • भारत एआई उपभोक्ता बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में वैश्विक निवेश तेजी से बढ़ रहा है।

मुंबई, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत एआई के विभिन्न स्तरों और पहलुओं में एक विशेष दृष्टिकोण के साथ ग्लोबल एआई सॉफ्टवेयर और सर्विस मार्केट में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक मजबूत स्थिति में है। यह जानकारी मंगलवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दी गई।

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) ने मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) के उद्घाटन के अवसर पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा, "2028 तक इस बाजार के राजस्व का अनुमान 100-120 अरब डॉलर है, जो भारत के मौजूदा आईटी सर्विस मार्केट का 50 प्रतिशत है।"

हालांकि, भारत लगभग 20 प्रतिशत डेटा उत्पन्न करता है, लेकिन ग्लोबल डेटा सेंटर क्षमता का केवल 2 प्रतिशत ही देश के पास है।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि इस अंतर को कम करने के लिए भारत को 2030 तक वैश्विक क्षमता में कम से कम 8 प्रतिशत हिस्सेदारी यानी लगभग 17 गीगावाट का लक्ष्य रखना चाहिए, जिसके लिए लार्ज-स्केल रियल एस्टेट और सस्टेनेबल एनर्जी की आवश्यकता होगी।

भारत को नेशनल डेटासेट प्लेटफॉर्म एआईकोष का विकास और विस्तार जारी रखना चाहिए ताकि भारत और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की विशिष्ट मॉडल-निर्माण आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

इसके अतिरिक्त, देश को हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, एजुकेशन और फाइनेंशियल इंक्लूजन जैसे क्षेत्रों में डोमेन-विशिष्ट पॉपुलेशन-स्केल एआई मॉडल को प्राथमिकता देनी चाहिए।

बीसीजी में फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के इंडिया हेड और फिनेटक के ग्लोबल हेड यशराज एरांडे ने कहा, "भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। एक ओर, भारतीय फिनटेक कंपनियों ने पिछले 2 वर्षों में 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और 2030 तक 190 अरब डॉलर का कारोबार हासिल करने जा रही हैं। दूसरी ओर, एआई वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के नियमों को फिर से लिख रहा है और भारतीय फिनटेक कंपनियों के लिए नवाचार को एक शीर्ष सीएक्सओ प्राथमिकता के रूप में पेश कर रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, "भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि देश दुनिया का सबसे बड़ा एआई उपभोक्ता बाजार, एक ग्लोबल एआई यूज-केस प्लेग्राउंड और दुनिया भर में टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन का निर्यात करने वाला एक प्रमुख कार्यान्वयन केंद्र तीनों मोर्चों पर एक मजबूत स्थिति में है।"

वहीं, दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एक सुपरसाइकल से गुजर रही है, जिसमें पिछले पांच वर्षों में 1.3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है, जो ग्लोबल फिनटेक फंडिंग का चार गुना है।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारत एआई के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। इस विकास को दृष्टिगत रखते हुए, यह स्पष्ट है कि हमें अपनी रणनीतियाँ और निवेश को और अधिक मजबूत बनाने की आवश्यकता है।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत एआई मार्केट में कितना योगदान दे रहा है?
भारत लगभग 20 प्रतिशत डेटा उत्पन्न करता है, लेकिन ग्लोबल डेटा सेंटर क्षमता का केवल 2 प्रतिशत ही भारत के पास है।
भारत को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
भारत को 2030 तक वैश्विक क्षमता में कम से कम 8 प्रतिशत हिस्सेदारी का लक्ष्य रखना चाहिए।
क्या भारतीय फिनटेक कंपनियों ने वृद्धि दर्ज की है?
हां, पिछले 2 वर्षों में भारतीय फिनटेक कंपनियों ने 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।