क्या भारत अमेरिका से तेल खरीद बढ़ा रहा है, और क्या हम रूस के सबसे बड़े खरीदार हैं?

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क्या भारत अमेरिका से तेल खरीद बढ़ा रहा है, और क्या हम रूस के सबसे बड़े खरीदार हैं?

सारांश

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका से तेल खरीद बढ़ाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि भारत रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार नहीं है। जानें इस महत्वपूर्ण बयान के पीछे की वजहें और वैश्विक ऊर्जा बाजार में भारत की स्थिति।

Key Takeaways

  • भारत ने अमेरिका से कच्चे तेल की खरीद बढ़ाई है।
  • रूस का सबसे बड़ा खरीदार चीन है, न कि भारत।
  • भारत के एलएनजी आयात में वृद्धि हुई है।
  • भारत और रूस के बीच व्यापार में बड़ी वृद्धि हुई है।
  • अमेरिका से तेल खरीद भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करती है।

मॉस्को, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत अमेरिका से लगातार कच्चे तेल की खरीद को बढ़ा रहा है। साथ ही, बताया कि हम रूस के सबसे बड़े क्रूड ऑयल खरीदार नहीं हैं।

जयशंकर की ओर से यह बयान ऐसे समय पर दिया गया है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ 27 अगस्त से लगाने का ऐलान किया गया है।

मीडिया से बातचीत करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार नहीं है, बल्कि वह चीन है। हम रूसी एलएनजी के सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं, बल्कि वह यूरोपियन यूनियन है। हम वह देश नहीं हैं, जिसका 2022 के बाद रूस के साथ व्यापार में सबसे बड़ा उछाल आया। मुझे लगता है कि ऐसे कुछ देश दक्षिण में हैं।

उन्होंने आगे कहा, "भारत एक ऐसा देश है, जहां अमेरिकी पिछले कुछ वर्षों से कह रहे हैं कि हमें विश्व ऊर्जा बाजार को स्थिर करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए, जिसमें रूस से तेल खरीदना भी शामिल है।"

विदेश मंत्री जयशंकर ने मीडिया से कहा, "संयोग से, हम अमेरिका से भी तेल खरीदते हैं, और यह मात्रा बढ़ी है।"

विदेश मंत्री ने कहा कि यह केवल तेल का मामला नहीं है, बल्कि भारत और रूस परमाणु ऊर्जा, बेहतर बाजार पहुंच, उर्वरक और श्रम गतिशीलता की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से जून तक अमेरिका से भारत के तेल और गैस आयात में 51 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

अमेरिका से भारत का एलएनजी आयात भी वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग दोगुना होकर 2.46 अरब डॉलर हो गया, जो 2023-24 में 1.41 अरब डॉलर था।

भारत ने अमेरिका से तेल की खरीद बढ़ा दी है, देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अक्टूबर में डिलीवरी के लिए अगस्त में लगभग 20 लाख बैरल तेल का ऑर्डर दिया है।

केप्लर के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव के कारण इराक से तेल की खरीद की भरपाई के लिए जून और जुलाई में दिए गए ऑर्डर के मुकाबले अगस्त में प्रतिदिन 20 लाख बैरल रूसी तेल खरीदा।

इस बीच, भारत में रूसी संघ के उप राजदूत रोमन बाबुश्किन ने बुधवार को फिर से पुष्टि की कि वैश्विक प्रतिबंधों और व्यापारिक दबावों के बावजूद भारत को कच्चे तेल का निर्यात स्थिर रहेगा।

उप राजदूत ने कहा कि हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग सात गुना बढ़ा है, रूस भारत को सालाना लगभग 25 करोड़ टन तेल की आपूर्ति करता है।

Point of View

बल्कि वैश्विक बाजार में भारत की भूमिका को भी मजबूत करता है। हमें यह समझना होगा कि ऊर्जा की यह विविधता हमारे राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने में मददगार साबित होगी।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या भारत रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है?
नहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर के अनुसार, चीन रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है।
भारत ने अमेरिका से तेल खरीद में कितनी वृद्धि की है?
भारत ने अमेरिका से तेल और गैस आयात में 51 प्रतिशत तक की वृद्धि की है।
अमेरिका से भारत का एलएनजी आयात कितना बढ़ा है?
भारत का अमेरिका से एलएनजी आयात वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग दोगुना होकर 2.46 अरब डॉलर हो गया।
भारत के लिए यह तेल खरीद क्यों महत्वपूर्ण है?
यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाता है और वैश्विक ऊर्जा बाजार में हमारी स्थिति को मजबूत करता है।
क्या भारत और रूस के बीच व्यापार बढ़ रहा है?
हाँ, हाल के वर्षों में भारत और रूस के बीच व्यापार लगभग सात गुना बढ़ा है।
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