क्या भारत ने जापान को पछाड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बना लिया?

Click to start listening
क्या भारत ने जापान को पछाड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बना लिया?

सारांश

भारत ने सौर ऊर्जा उत्पादन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है, जापान को पीछे छोड़कर तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक बनने की उपलब्धि। इस सफलता ने भारत की स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में तेजी को दर्शाया है। जानिए इस उपलब्धि के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • भारत ने सौर ऊर्जा उत्पादन में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
  • जापान को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर आने का यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में तेजी से प्रगति हो रही है।
  • भारत की पवन ऊर्जा क्षमता भी तेजी से बढ़ रही है।
  • आईआरईएनए की रिपोर्ट के अनुसार, भारत वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा में अग्रणी बन रहा है।

नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि भारत ने जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बनने की महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) के आंकड़ों का संदर्भ देते हुए केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि भारत ने 1,08,494 गीगावाट-घंटे (जीडब्ल्यूएच) सौर ऊर्जा का उत्पादन किया है, जो कि जापान के 96,459 गीगावाट-घंटे के उत्पादन से अधिक है।

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर कहा, "भारत ने सौर ऊर्जा उत्पादन में जापान को पीछे छोड़ दिया है। जापान के 96,459 गीगावाट-घंटे की तुलना में देश ने 1,08,494 गीगावाट-घंटे का उत्पादन किया है और अब यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया है।"

उन्होंने आगे लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण, भारत वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

आईआरईएनए, एक वैश्विक एजेंसी है जो देशों को सतत ऊर्जा अपनाने में सहयोग करती है और दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा विकास के लिए व्यापक स्तर पर आंकड़े तथा नीतिगत समर्थन प्रदान करती है।

यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब भारत विविध ऊर्जा रणनीति के माध्यम से 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन बिजली क्षमता हासिल करने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को आगे बढ़ा रहा है।

सौर ऊर्जा क्षेत्र में अपनी सफलता के साथ-साथ, भारत अपने पवन ऊर्जा पोर्टफोलियो का भी विस्तार कर रहा है।

पिछले महीने की शुरुआत में, केंद्रीय मंत्री ने संसद को बताया कि इस वर्ष 30 जून तक भारत में स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता 51.67 गीगावाट तक पहुंच गई है।

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश की पवन ऊर्जा क्षमता पिछले तीन वित्तीय वर्षों में लगातार बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2023-2024 में 2,275.55 मेगावाट की नई क्षमता जोड़ी गई थी। वहीं, वित्त वर्ष 2024-2025 में 3,253.39 मेगावाट की नई क्षमता जोड़ी गई थी और वित्त वर्ष 2025-2026 की अप्रैल-जून तिमाही में 1,637.02 मेगावाट नई क्षमता स्थापित की गई है।

13,816.68 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ, गुजरात पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता के मामले में शीर्ष तीन राज्यों में सबसे आगे है। तमिलनाडु 11,830.36 मेगावाट के साथ दूसरे स्थान पर है। 7,714.74 मेगावाट स्थापित पवन ऊर्जा के साथ, कर्नाटक देश का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।

-राष्ट्र प्रेस

एबीएस/

Point of View

बल्कि यह देश की नवीकरणीय ऊर्जा नीति के प्रति गंभीरता को भी दर्शाती है। स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में बढ़ते कदम भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिला रहे हैं।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत ने सौर ऊर्जा में कितनी ऊर्जा का उत्पादन किया है?
भारत ने 1,08,494 गीगावाट-घंटे सौर ऊर्जा का उत्पादन किया है।
भारत की पवन ऊर्जा क्षमता कितनी है?
भारत की पवन ऊर्जा क्षमता 51.67 गीगावाट तक पहुंच गई है।