क्या पीएम मोदी के ओमान दौरे से आर्थिक संबंध मजबूत होंगे?
सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी का ओमान दौरा दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है।
- भारत-ओमान के बीच दीर्घकालिक साझेदारी है।
- ओमान में भारतीयों की संख्या 7 लाख है।
- फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर की संभावना है।
- दोनों देशों का आर्थिक विकास होगा।
मस्कट, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पीएम नरेंद्र मोदी के आगामी दौरे को लेकर ओमान में भारतीय व्यवसायियों के बीच गहरी उत्सुकता है। उनका मानना है कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में मजबूती आएगी।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में अल अंसारी ग्रुप के संस्थापक और ग्रुप एमडी किरन अशर ने कहा कि ओमान को इस यात्रा का लंबे समय से इंतजार था। हमें इस यात्रा से उम्मीदें हैं कि यह वाणिज्य और आर्थिक दोनों संबंधों को मजबूत करेगी।
उन्होंने बताया कि भारत-ओमान के संबंध लगभग 5,000 वर्षों पुराने हैं और दोनों देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। आज के समय में भारत ऐसा देश है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
अशर ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में ओमान की आर्थिक स्थिति में काफी बदलाव आया है। वर्तमान में यहां लगभग 7 लाख भारतीय निवासी हैं, जबकि पहले यह संख्या 10 लाख से अधिक थी।
खिमजी रामदास के अनिल एम खिमजी ने भी अपनी उत्सुकता व्यक्त की और कहा कि हम पीएम मोदी का स्वागत करते हैं।
खिमजी ने बताया कि दोनों देशों के बीच संबंध लंबे समय से हैं और भारतीयों को स्थानीय लोगों द्वारा सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाता है। बड़ी कंपनियों के सीईओ और फाइनेंशियल कंट्रोलर भी भारतीय हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी यहां मौजूद हैं और पीएम मोदी की यात्रा पर फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी 15-18 दिसंबर तक के दौरे के अंतिम चरण में सुल्तान हैथम बिन तारिक के निमंत्रण पर 17 से 18 दिसंबर तक ओमान का दौरा करेंगे। भारत और ओमान के बीच दीर्घकालिक और बहुआयामी साझेदारी है, जो व्यापारिक संबंधों, ऊर्जा सहयोग और सांस्कृतिक जुड़ाव द्वारा समर्थित है।