क्या भारत का एआई तकनीक पर खर्च 2028 तक 10.4 अरब डॉलर तक पहुंचेगा?

सारांश
Key Takeaways
- भारत का एआई खर्च 2028 तक 10.4 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद।
- 40 प्रतिशत कंपनियां पहले से एआई का उपयोग कर रही हैं।
- एजेंटिक एआई उत्पादकता में सुधार करता है।
- मैन्युफैक्चरिंग और स्वास्थ्य सेवा में तेजी से लोकप्रिय।
- विश्वास और सुरक्षा की चिंता बनी हुई है।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत का एआई तकनीक पर खर्च 2028 तक 10.4 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई है जो गुरुवार को जारी की गई।
आईडीसी इन्फोब्रीफ और यूआईपाथ द्वारा प्रस्तुत एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लगभग 40 प्रतिशत कंपनियां पहले ही एजेंटिक एआई को लागू कर चुकी हैं, जबकि लगभग 50 प्रतिशत अगले 12 महीनों में इस तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रही हैं।
2025 में एआई निवेश परिवर्तनकारी, उच्च-मूल्य वाले उपयोग के मामलों को सशक्त बनाने के लिए आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर केंद्रित होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, तकनीक में दक्ष कार्यबल, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और सरकार समर्थित पहलों के कारण इसे अपनाने की दर तेजी से बढ़ रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके लाभ पहले से ही दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि 80 प्रतिशत भारतीय कंपनियों का कहना है कि एजेंटिक एआई उत्पादकता बढ़ाता है, जबकि 73 प्रतिशत का कहना है कि यह निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, एजेंटिक एआई मैन्युफैक्चरिंग, खुदरा और थोक, स्वास्थ्य सेवा और जीवन विज्ञान उद्योगों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, जो डेटा और बार-बार दोहराए जाने वाले निर्णय चक्रों पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं।
यूआईपाथ के दक्षिण एशिया के एरिया वाइस प्रेसिडेंट देबदीप सेनगुप्ता ने कहा, "एजेंटिक ऑटोमेशन पूरे भारत में व्यावसायिक संचालन को तेजी से पुनर्परिभाषित कर रहा है। हालाँकि, इस क्षेत्र के उद्यम वर्कफ्लो को सुव्यवस्थित करने और जटिल व्यावसायिक प्रक्रियाओं को स्वायत्त रूप से निष्पादित करने के लिए एआई एजेंटों की पूरी क्षमता का उपयोग कर रहे हैं, फिर भी विश्वास और सुरक्षा व्यापक कार्यान्वयन में बाधाएं बनी हुई हैं।"
सेनगुप्ता ने आगे कहा कि हमारा एजेंटिक ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म इन चुनौतियों का सीधा समाधान करता है, सुरक्षा और अनुपालन को बढ़ाकर, एजेंटिक परिणामों की सटीकता और विश्वसनीयता में सुधार करके एंटरप्राइज एआई को अपनाने की बाधाओं को दूर करता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग 69 प्रतिशत भारतीय संगठन उत्पादकता बढ़ाने के लिए, 59 प्रतिशत व्यक्तिगत ग्राहक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए, जबकि 57 प्रतिशत इसे जोखिम और धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए उपयोग कर रहे हैं, जो इस बात के दिखाता है कि एजेंटिक एआई को फ्रंट और बैक-ऑफिस कार्यों में कैसे लागू किया जा रहा है।