क्या भारत का गोल्ड रिजर्व पहली बार 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत का गोल्ड रिजर्व 102.365 अरब डॉलर तक पहुंचा है।
- सोने की कीमतों में पिछले एक साल में 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- गोल्ड रिजर्व की विदेशी मुद्रा भंडार में हिस्सेदारी 14.7 प्रतिशत है।
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का गोल्ड रिजर्व पहली बार 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। इसका मुख्य कारण सोने की कीमतों में आई तेजी है। यह जानकारी शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में सामने आई।
आरबीआई के अनुसार, 10 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में देश का गोल्ड रिजर्व 3.595 अरब डॉलर बढ़कर 102.365 अरब डॉलर हो गया है। हालांकि, इस दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.18 अरब डॉलर घटकर 697.784 अरब डॉलर हो गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड रिजर्व की हिस्सेदारी बढ़कर 14.7 प्रतिशत हो गई है, जो कई दशकों में सबसे अधिक है।
पिछले एक दशक में, देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड की हिस्सेदारी दोगुनी होकर 7 प्रतिशत से बढ़कर 14.7 प्रतिशत हो गई है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय बैंक ने 2025 के पहले नौ महीनों में से सिर्फ चार महीनों में ही सोना खरीदा, जबकि 2024 में लगभग हर महीने में सोने की खरीद देखी गई थी। जनवरी से सितंबर तक कुल खरीद केवल 4 टन रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुई 50 टन से काफी कम है।
वैश्विक अस्थिरता के कारण, सोने की कीमतों में पिछले एक वर्ष में जोरदार वृद्धि हुई है। पिछले दीपावली से सोने की कीमतों में 65 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है। पिछले दो वर्षों में सोने ने 117 प्रतिशत और पिछले पांच वर्षों में 158 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। वहीं, पिछले एक दशक में सोने की कीमतें 250 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी हैं।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता है और अपनी मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। सोना भारतीय संस्कृति में गहराई से निहित है, और इसे एक निवेश एवं प्रतिष्ठा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।