क्या भारत का सॉफ्टवेयर निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 तक 224.4 अरब डॉलर तक पहुंचेगा?

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क्या भारत का सॉफ्टवेयर निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 तक 224.4 अरब डॉलर तक पहुंचेगा?

सारांश

भारत का आईटी उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है, जहां सॉफ्टवेयर निर्यात 224.4 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह विकास छोटे शहरों में हो रहा है, जहां नए स्टार्टअप्स और तकनीकी इनोवेशन को बढ़ावा मिल रहा है।

Key Takeaways

  • भारत का सॉफ्टवेयर निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 224.4 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
  • एसटीपीआई छोटे शहरों में तकनीकी विकास को बढ़ावा दे रहा है।
  • सरकारी योजनाओं के तहत 1,121 स्टार्टअप्स को सहायता मिली है।
  • भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा पेटेंट दाखिल करने की संख्या में वृद्धि हो रही है।
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था में समावेशिता बढ़ रही है।

नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत का आईटी उद्योग वर्तमान में एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा है। सरकार द्वारा समर्थित सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) के कारण अब यह उद्योग पारंपरिक मेट्रो शहरों से आगे बढ़ रहा है।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 तक, भारत का सॉफ्टवेयर निर्यात 224.4 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो कि 2019 में 136 अरब डॉलर था।

आईटी उद्योग का कुल राजस्व 282.6 अरब डॉलर रहा है, जिसमें इस क्षेत्र में 58 लाख लोगों को रोजगार मिला है, जो कि 2019 में 41.4 लाख लोगों की तुलना में एक उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।

केंद्रीय मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, टियर-2 और टियर-3 शहरों में एसटीपीआई की बढ़ती उपस्थिति सॉफ्टवेयर निर्यात, इनोवेशन और रोजगार सृजन को बढ़ावा दे रही है।

एसटीपीआई नेटवर्क अब 68 केंद्रों तक फैला है, जिनमें से 60 भागलपुर, दरभंगा, विजयवाड़ा और जाजपुर जैसे गैर-महानगरीय शहरों में स्थित हैं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में, एआई, ब्लॉकचेन, एग्रीटेक और गेमिंग जैसे उभरते तकनीकी क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए 9 नए एसटीपीआई केंद्र और 15 उद्यमिता केंद्र (सीओई) शुरू किए गए हैं।

इन पहलों के परिणामस्वरूप एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयों के माध्यम से गैर-महानगरीय स्थानों में 2.98 लाख नौकरियों का सृजन हुआ है, साथ ही स्टार्टअप इनक्यूबेशन कार्यक्रमों के माध्यम से 9,800 अतिरिक्त नौकरियों को भी समर्थन मिला है।

आंकड़ों के अनुसार, सरकारी योजनाओं के तहत कुल 1,121 स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान की गई है और 590 स्टार्टअप्स को 39.86 करोड़ डॉलर वितरित किए गए हैं।

नेक्स्ट जनरेशन इनक्यूबेशन स्कीम (एनजीआईएस) और अन्य डिजिटल इनोवेशन कार्यक्रमों ने ग्लोबल सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट मार्केट में भारत की स्थिति को मजबूती प्रदान की है।

भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा पेटेंट दाखिल करने की संख्या 2019 में 4,331 से बढ़कर 2024 में लगभग 90,000 हो गई है, जो कि बौद्धिक संपदा और उत्पाद विकास पर बढ़ते ध्यान का संकेत है।

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, भारत में जीईएनईएसआईएस, टीआईडीई 2.0 और एसएएमआरआईडीएच जैसी योजनाओं के तहत युवाओं द्वारा संचालित डिजिटल इनोवेशन में भी वृद्धि देखी जा रही है, जो कि नेशनल पॉलिसी ऑन सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स (एनपीएसपी) 2019 के अनुरूप हैं।

एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयों से कुल सॉफ्टवेयर निर्यात 10.64 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि इनोवेशन को छोटे शहरों तक पहुंचाकर, भारत एक अधिक समावेशी और मजबूत डिजिटल अर्थव्यवस्था का निर्माण कर रहा है।

Point of View

विशेष रूप से छोटे शहरों में। यह न केवल रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक नई दिशा भी दे रहा है।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत का सॉफ्टवेयर निर्यात कब 224.4 अरब डॉलर तक पहुंचेगा?
भारत का सॉफ्टवेयर निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 तक 224.4 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
एसटीपीआई का क्या महत्व है?
एसटीपीआई छोटे शहरों में सॉफ्टवेयर निर्यात और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
कितने स्टार्टअप्स को सरकारी सहायता मिली है?
कुल 1,121 स्टार्टअप्स को सरकारी योजनाओं के तहत सहायता प्रदान की गई है।
भारत में पेटेंट दाखिल करने की संख्या में क्या वृद्धि हुई है?
2019 में 4,331 पेटेंट से बढ़कर 2024 में लगभग 90,000 तक पहुंच गई है।
डिजिटल इनोवेशन में वृद्धि के क्या संकेत हैं?
जीईएनईएसआईएस, टीआईडीई 2.0 और एसएएमआरआईडीएच जैसी योजनाओं के तहत युवा डिजिटल इनोवेशन में सक्रिय हो रहे हैं।