क्या सरकार पेंशनभोगियों के जीवन को सुगम बनाने के लिए कार्यशाला का आयोजन करेगी?
सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार द्वारा आयोजित कार्यशाला 29 दिसंबर को पुणे में।
- पेंशनभोगियों के जीवन को सुगम बनाने के लिए उठाए गए कदम।
- डिजिटलीकरण से पेंशन प्रक्रियाओं में सुधार।
- सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए विभिन्न विषयों पर चर्चा।
- पेंशनभोगियों के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन।
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार 29 दिसंबर को पुणे में 58वीं सेवानिवृत्ति पूर्व परामर्श कार्यशाला का आयोजन करने जा रही है। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पेंशनभोगियों के जीवन को सुगम बनाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने पेंशन नीति और संबंधित प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण में कई प्रगतिशील कदम उठाए हैं।
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि इन प्रयासों के तहत केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे।
सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के लिए सुगम ट्रांजिशन को सुविधाजनक बनाने हेतु, विभिन्न सत्र आयोजित किए जाएंगे। इनमें सेवानिवृत्ति लाभ, सीजीएचएस, निवेश के तरीके, भविष्य पोर्टल, एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल, पारिवारिक पेंशन, सीपीईएनजीआरएएमएस, अनुभव और डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र शामिल होंगे।
इस कार्यशाला में महाराष्ट्र में तैनात 350 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना है, जो अगले 12 महीनों में सेवानिवृत्त होंगे।
इसके अलावा, विभाग पेंशनभोगी जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करेगा।
इन कार्यशालाओं का उद्देश्य पेंशन वितरण बैंकों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों से संबंधित नियमों और प्रक्रियाओं के बारे में जागरूकता फैलाना है।
सभी पेंशनभोगियों के लिए संबंधित बैंकिंग सेवाएं प्रतिभागियों को उपलब्ध कराई जाएंगी। बैंक सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन खाता खोलने और पेंशन निधि में निवेश करने के बारे में मार्गदर्शन देंगे।
इस बीच, अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत कुल नामांकन 8,45,17,419 तक पहुंच गया है। इस योजना का उद्देश्य गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली का निर्माण करना है। एपीवाई योजना में 1,000 रुपए से लेकर 5,000 रुपए प्रति माह तक की न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन का विकल्प उपलब्ध है।
सरकार और पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने पूरे देश में एपीवाई के बारे में जागरूकता और इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।