क्या भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर की वैल्यू 2030 तक 800 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी?

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क्या भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर की वैल्यू 2030 तक 800 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी?

सारांश

भारत का लॉजिस्टिक्स सेक्टर तेजी से विकसित हो रहा है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, यह 2030 तक 800 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इस विकास के पीछे सरकारी नीतियों और तकनीकी एकीकरण का बड़ा हाथ है। जानें इस क्षेत्र की संभावनाओं के बारे में और कैसे यह भारत की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान करेगा।

Key Takeaways

  • लॉजिस्टिक्स सेक्टर की वैल्यू 2030 तक 800 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान।
  • इससे जीडीपी में 11 प्रतिशत का योगदान होगा।
  • सरकारी पहल जैसे एनएलपी और पीएम गतिशक्ति से क्षेत्र का विकास।
  • 22 मिलियन से अधिक लोग इस क्षेत्र में कार्यरत।
  • 2027 तक 10 मिलियन नए रोजगार के अवसर।

मुंबई, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर की वैल्यू 2030 तक 800 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो देश की कुल जीडीपी में 11 प्रतिशत का योगदान करेगा। यह जानकारी एक रिपोर्ट में प्रस्तुत की गई है।

इस वृद्धि के पीछे सरकारी पहलों, तकनीकी एकीकरण, स्किल्ड वर्कफोर्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार का योगदान है।

इंडिया नैरेटिव की रिपोर्ट के अनुसार, लॉजिस्टिक्स लागत में 1 प्रतिशत की कमी से भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रति वर्ष 15 अरब डॉलर की बचत हो सकती है। रणनीतिक निवेश, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन पॉलिसी और वर्कफोर्स डेवलपमेंट, लॉजिस्टिक्स सेक्टर में वृद्धि के मुख्य स्तंभ हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आपूर्ति श्रृंखला के आधुनिकरण और एकीकरण के कारण यह सेक्टर 2027 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

अधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉसिली (एनएलपी), पीएम गतिशक्ति और टेक्नोलॉजी एकीकरण जैसी पहलों के चलते यह क्षेत्र तेजी से संगठित, कुशल और प्रतिस्पर्धी बन रहा है।

एनएलपी ने वास्तविक समय में आपूर्ति श्रृंखला पर नज़र रखने के लिए एकीकृत लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) और लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (एलडीबी) का उपयोग किया है।

प्रधानमंत्री गतिशक्ति मास्टर प्लान ने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की योजना बनाने, तेज प्रोजेक्ट अनुमोदन और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी के लिए 1,700 डेटा लेयर्स का उपयोग किया है, जिससे 57 मंत्रालयों और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ा गया है।

इसके अतिरिक्त, सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं के अनुसार व्यापार दस्तावेजीकरण, डिजिटल फाइनेंस और आयात-निर्यात लेनदेन को केंद्रीकृत करने के लिए भारत ट्रेड नेट (बीटीएन) की शुरुआत की गई है।

जीएसटी ने 2017 से अंतरराज्यीय चौकियों को समाप्त कर दिया है और कराधान को सुव्यवस्थित किया है, साथ ही ट्रांजिट टाइम को 33 प्रतिशत तक कम कर दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, 22 मिलियन से अधिक लोग परिवहन, भंडारण, कोल्ड चेन और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी में काम कर रहे हैं, और 2027 तक इस क्षेत्र में और 10 मिलियन लोगों को रोजगार मिलेगा।

लॉजिस्टिक्स पार्क, मल्टीमॉडल परिवहन गलियारे और डिजिटल प्लेटफॉर्म ने एसएमई और बड़े उद्यमों को वैश्विक स्तर पर विस्तार करने में सक्षम बनाया है।

वर्तमान में, लॉजिस्टिक्स भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 13-14 प्रतिशत का योगदान देता है, जो वैश्विक औसत 8-9 प्रतिशत से काफी अधिक है।

Point of View

मैं यह मानता हूँ कि भारत का लॉजिस्टिक्स सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसकी वृद्धि से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि यह हमारी वैश्विक प्रतिस्पर्धा को भी मजबूत करेगा।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर की वैल्यू कब तक 800 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है?
भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर की वैल्यू 2030 तक 800 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
क्या लॉजिस्टिक्स सेक्टर भारत की जीडीपी में योगदान देगा?
हाँ, यह सेक्टर देश की जीडीपी में 11 प्रतिशत का योगदान देगा।
सरकारी पहलों का लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर क्या प्रभाव होगा?
सरकारी पहलों के कारण यह क्षेत्र तेजी से संगठित और कुशल बन रहा है।
इस क्षेत्र में कितने लोग काम कर रहे हैं?
इस क्षेत्र में 22 मिलियन से अधिक लोग काम कर रहे हैं।
2027 तक इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर कैसे बढ़ेंगे?
2027 तक इस क्षेत्र में 10 मिलियन नए रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है।