क्या भारत के ऑफिस रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट मार्केट ने बीएसई रियल्टी इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया?

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क्या भारत के ऑफिस रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट मार्केट ने बीएसई रियल्टी इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया?

सारांश

भारत के ऑफिस रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट ने बीएसई रियल्टी इंडेक्स को पछाड़ते हुए पिछले 12 महीनों में 15% से अधिक पूंजी वृद्धि की। जानिए इसके पीछे की वजहें और भविष्य की संभावनाएं।

Key Takeaways

  • भारत के ऑफिस रीट्स ने बीएसई रियल्टी इंडेक्स को पछाड़ा।
  • 15 प्रतिशत से अधिक पूंजी वृद्धि दर्ज की गई।
  • निवेशकों की बढ़ती रुचि ने रीट मार्केट को मजबूत किया।
  • 2024 में मजबूत वृद्धि की उम्मीद है।
  • जीसीसी की बढ़ती मांग भारत के ऑफिस मार्केट के लिए महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत के ऑफिस रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट्स) बाजार ने बीएसई रियल्टी इंडेक्स की तुलना में अपार सफलता हासिल करते हुए पिछले 12 महीनों में 15 प्रतिशत से अधिक पूंजी वृद्धि का रिकॉर्ड बनाया है। यह जानकारी गुरुवार को एक रिपोर्ट में सामने आई।

कुशमैन एंड वेकफील्ड द्वारा प्रस्तुत 'एशिया रीट मार्केट इनसाइट 2024-25' रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के ऑफिस रियल एस्टेट बाजार की मजबूती इसका मुख्य आधार है, जो वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी), इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग तथा बीएफएसआई फर्मों की बढ़ती मांग से प्रेरित है।

प्रीमियम ग्रेड एसेट्स के प्रति निवेशकों की बढ़ती रुचि भी रीट मार्केट के लिए फायदेमंद साबित हो रही है।

भारत के आरईआईटी मार्केट ने 2024 में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई है और इस वर्ष भी निवेशकों की मजबूत रुचि बनाए रखने की उम्मीद है।

वित्त वर्ष 2024-2025 भारत के ऑफिस रीट्स के लिए एक उत्कृष्ट वर्ष रहा। तीनों ऑफिस रीट्स ने मिलकर 16 मिलियन वर्ग फुट से अधिक का लीजिंग वॉल्यूम प्राप्त किया, जो देश के टॉप आठ शहरों में ग्रॉस लीजिंग वॉल्यूम (जीएलवी) का लगभग एक-पांचवां हिस्सा है।

जून 2025 तक, भारतीय रीट मार्केट में तीन ऑफिस रीट्स और एक रिटेल रीट शामिल थे, जो मिलकर 105 मिलियन वर्ग फुट से अधिक के परिचालन पोर्टफोलियो का प्रबंधन कर रहे थे।

हालांकि पिछले वर्ष लिस्टेड रीट्स की संख्या स्थिर रही, लेकिन उनके संयुक्त पोर्टफोलियो में 12 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई, जिसके कारण भारत के कुल ग्रेड ए ऑफिस स्टॉक में संस्थागत हिस्सेदारी लगभग 13 प्रतिशत हो गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा ऑफिस रीट्स द्वारा 23 मिलियन वर्ग फुट से अधिक नए ऑफिस स्पेस का निर्माण किया जा रहा है या इसकी योजना बनाई जा रही है, और उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह नई सप्लाई रीट पोर्टफोलियो में शामिल हो जाएगी।

भारत की ऑफिस एसेट्स रीट्स ने जीसीसी की मांग का एक बड़ा हिस्सा खींचा है, जो भारत के ऑफिस मार्केट के विकास का एक महत्वपूर्ण कारक है।

पैन इंडिया स्तर पर जीसीसी ने 2025 की पहली तिमाही तक पिछले चार तिमाहियों में औसत ग्रॉस लीजिंग वॉल्यूम का 28-29 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया है।

कुशमैन एंड वेकफील्ड के भारत में सोमी थॉमस ने कहा, "भारत का रीट मार्केट एक मजबूत प्रगति पथ पर है, जिसमें ऑफिस सेक्टर में असाधारण वृद्धि देखी गई है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों, खासकर जीसीसी ने रिकॉर्ड लीजिंग गतिविधियों को बढ़ावा दिया है, जो अब देश के ग्रेड ए ऑफिस स्टॉक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।"

प्रीमियम ग्रेड एसेट्स के लिए ऑक्यूपायर्स के बीच बढ़ती प्राथमिकता भी देखी गई है, जिससे रीट्स को काफी लाभ हुआ है।

उन्होंने बताया कि भारत में सभी तीन ऑफिस रीट्स ने 2025 की पहली तिमाही के अंत तक लगभग 90 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी रेट हासिल किया।

Point of View

जो न केवल निवेशकों के लिए एक आकर्षण है, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाता है। हमें इस क्षेत्र में और अधिक निवेश की उम्मीद है।
NationPress
17/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत में ऑफिस रीट्स का क्या महत्व है?
ऑफिस रीट्स भारत में रियल एस्टेट मार्केट के विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे निवेशकों को स्थिर रिटर्न प्रदान करते हैं और अर्थव्यवस्था को मजबूती देते हैं।
क्या रीट्स में निवेश करना सुरक्षित है?
हां, रीट्स में निवेश करना अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि ये संपत्तियों के एक विविधीकरण के माध्यम से जोखिम को कम करते हैं।