क्या भारत का रिटेल आरईआईटी मार्केट 2030 तक 80,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है?

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क्या भारत का रिटेल आरईआईटी मार्केट 2030 तक 80,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है?

सारांश

भारत का रिटेल आरईआईटी मार्केट 2030 तक 60,000-80,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है। रिटेल मॉल और शॉपिंग सेंटर्स की वृद्धि इसे संभव बनाएगी। इस रिपोर्ट में जानिए इसके मुख्य कारण और भविष्य की संभावनाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत का रिटेल आरईआईटी बाजार 2030 तक 60,000-80,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
  • रिटेल मॉल और शॉपिंग सेंटर्स की तेजी से वृद्धि इसका मुख्य कारण है।
  • अगले 3-5 वर्षों में 2-3 नए रिटेल आरईआईटी लॉन्च होने की संभावना है।
  • कमर्शियल ऑफिस एसेट्स से मॉल की ओर स्थानांतरण हो रहा है।
  • टियर-2 शहरों में निवेश का विस्तार हो रहा है।

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) मार्केट 2030 तक 60,000-80,000 करोड़ रुपए की सीमा में पहुंच सकता है। इसमें मुख्य रूप से रिटेल मॉल, शॉपिंग सेंटर्स और मिक्स्ड उपयोग वाले स्थानों की तेजी से वृद्धि का योगदान होगा। यह जानकारी एक हालिया रिपोर्ट में सामने आई है।

एनारॉक रिसर्च के अनुसार, देश में रिटेल आरईआईटी मार्केट में कमर्शियल ऑफिस एसेट्स की प्रमुख हिस्सेदारी है, लेकिन भविष्य में मॉलों की तरफ एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है।

इसका मुख्य कारण उच्च गुणवत्ता वाली रिटेल एसेट्स का एकत्रीकरण, उपभोक्ता खर्च में निरंतर वृद्धि, और शहरी क्षेत्रों में लोगों की आय में बढ़ोतरी है।

एनारॉक रिटेल की सीईओ और एमडी अनुज केजरीवाल ने बताया कि भारत के लिस्टेड आरईआईटी इकोसिस्टम में वर्तमान में ऑफिस एसेट्स का वर्चस्व है। एनारॉक का अनुमान है कि अगले 3 से 5 वर्षों में 2-3 नए रिटेल आरईआईटी लॉन्च होंगे। इसका कारण संस्थागत पोर्टफोलियो का आंशिक रूप से सूचीबद्ध होना और ग्रेड ए मॉल का स्थिर, आय-उत्पादक परिसंपत्तियों के रूप में परिपक्व होना है।

उन्होंने आगे कहा कि हमारा अनुमान है कि अगले 5 वर्षों में भारतीय खुदरा आरईआईटी का बाजार 60,000-80,000 करोड़ रुपए का हो सकता है, जिसमें विभिन्न संस्थागत पोर्टफोलियो की केवल आंशिक लिस्टिंग शामिल है।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि यह परिवर्तन विकसित अर्थव्यवस्थाओं के अनुरूप होगा, जहां खुदरा आरईआईटी कुल आरईआईटी बाजार पूंजीकरण का 15 प्रतिशत से 25 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं।

संस्थागत निवेशक इंदौर, कोयंबटूर, सूरत, भुवनेश्वर और चंडीगढ़ जैसे टियर-2 शहरों में उच्च-आय, उपभोग-संचालित समूहों में तेजी से विस्तार कर रहे हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, "शीर्ष पांच मॉल मालिकों के पास कुल संगठित स्टॉक का 60 प्रतिशत नियंत्रण होगा। नए रिटेल आरईआईटी बाजार को और संस्थागत बनाएंगे। हम मिश्रित उपयोग वाले पुनर्विकास वाले प्रोजेक्ट्स को आने वाले समय में देखेंगे, जिसमें पुराने मॉल को एकीकृत जीवनशैली वाले जिलों में बदल दिया जाएगा।"

एनारॉक रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, औसतन 1-1.2 मिलियन वर्ग फीट की नई परियोजनाओं की योजना बनाई जा रही है, जिसमें मनोरंजन, एफ एंड बी, और लाइफस्टाइल रिटेल का हिस्सा नए मॉल स्पेस का लगभग आधा होगा।

Point of View

मैं यह कहना चाहता हूँ कि भारत का रिटेल आरईआईटी मार्केट तेजी से विकसित हो रहा है। यह न केवल आर्थिक विकास को दर्शाता है, बल्कि हमारे उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं का भी संकेत है। हमें इस क्षेत्र में निवेश और विकास पर ध्यान देना चाहिए, खासकर टियर-2 शहरों में।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

आरईआईटी क्या है?
आरईआईटी का मतलब रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट है, जो रियल एस्टेट में निवेश करने का एक साधन है।
भारत में आरईआईटी का भविष्य कैसा है?
भारत में आरईआईटी का भविष्य उज्ज्वल है, और यह 2030 तक 60,000-80,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
आरईआईटी में निवेश कैसे किया जाता है?
आरईआईटी में निवेश करने के लिए आप शेयर बाजार के माध्यम से इसे खरीद सकते हैं, जैसे किसी अन्य स्टॉक की तरह।
भारत में रिटेल आरईआईटी की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
भारत में रिटेल आरईआईटी की विशेषताएँ उच्च गुणवत्ता वाली रिटेल एसेट्स, उपभोक्ता खर्च में वृद्धि और मॉल के विकास से संबंधित हैं।
क्या रिटेल आरईआईटी में निवेश सुरक्षित है?
रिटेल आरईआईटी में निवेश सामान्यतः सुरक्षित माना जाता है, लेकिन बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है।