क्या भारत में क्लाउड डेटा सेंटर की क्षमता 2030 तक 4-5 गुना बढ़ने की उम्मीद है?

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क्या भारत में क्लाउड डेटा सेंटर की क्षमता 2030 तक 4-5 गुना बढ़ने की उम्मीद है?

सारांश

भारत में क्लाउड डेटा सेंटर की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है। 2030 तक यह क्षमता 4-5 गुना बढ़ सकती है, जो डिजिटलाइजेशन और एआई के उपयोग में तेजी से बढ़ोतरी का संकेत देती है। जानिए इस बात के पीछे का कारण और भारत में इस क्षेत्र में हो रहे निवेश के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत में क्लाउड डेटा सेंटर की क्षमता 1,280 मेगावाट तक पहुँच चुकी है।
  • 2030 तक इसका विस्तार 4-5 गुना होने की संभावना है।
  • गूगल और अमेजन जैसे वैश्विक कंपनियां इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं।
  • सरकार ने डिजिटल इंडिया योजना के तहत नेशनल क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया है।
  • क्लाउड सेवाओं के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्थाएं लागू की गई हैं।

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में क्लाउड डेटा सेंटर की क्षमता लगभग 1,280 मेगावाट (एमडब्ल्यू) तक पहुँच गई है, जो मुख्य रूप से बैंकों, पावर और अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्रों को सेवाएं प्रदान कर रही है। सरकार ने शुक्रवार को संसद में बताया कि इस क्षमता में 2030 तक 4-5 गुना वृद्धि होने की संभावना है।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में कहा कि भारत में डेटा सेंटर की संख्या निरंतर बढ़ रही है और इसका मुख्य कारण डिजिटलाइजेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का तेजी से बढ़ता प्रयोग है, साथ ही क्लाउड सेवाओं की मांग में वृद्धि है।

वैश्विक टेक कंपनियां भारत में एआई और डेटा सेंटर इकोसिस्टम में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं। गूगल ने विशाखापत्तनम में 15 अरब डॉलर का एआई हब बनाने की योजना का ऐलान किया है, जो भारत में कंपनी का सबसे बड़ा निवेश है। वहीं, अमेजन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) महाराष्ट्र में 8.3 अरब डॉलर का डेटा सेंटर स्थापित कर रही है।

मंत्री ने कहा कि भारत एक सुरक्षित, विकासशील और एआई-सक्षम क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहा है, ताकि डिजिटल गवर्नेंस, निजी क्षेत्र के सहयोग और नागरिक सशक्तीकरण को बढ़ावा मिल सके।

उन्होंने बताया कि सरकार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नेशनल क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया है, जिसे 'डिजिटल इंडिया' योजना के तहत स्थापित किया गया है।

'जीआई क्लाउड', जिसे मेघराज के नाम से जाना जाता है, एक सुरक्षित, स्केलेबल और उत्कृष्ट क्लाउड सेवा प्रदान करता है, जिसका उपयोग ई-गवर्नेंस सेवाएं देने के लिए किया जाता है।

राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को क्लाउड सेवाएं प्रदान करता है। अब तक, 2,170 मंत्रालयों और विभागों ने अपनी क्लाउड-आधारित सेवाएं 'मेघराज' पर होस्ट की हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल डेटा सेंटर सरकार के विभागों को क्लाउड सेवाएं प्रदान करते हैं। इन सेवाओं की सुरक्षा के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्थाएं की गई हैं, ताकि इनमें किसी भी प्रकार का खतरा न हो।

-- राष्ट्र प्रेस

दुर्गेश बहादुर/एबीएस

Point of View

बल्कि डिजिटल गवर्नेंस और नागरिक सशक्तीकरण के लिए भी आवश्यक है।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

क्लाउड डेटा सेंटर की क्षमता कितनी है?
भारत में क्लाउड डेटा सेंटर की क्षमता लगभग 1,280 मेगावाट (एमडब्ल्यू) है।
2030 तक इसकी क्षमता में कितनी वृद्धि होने की संभावना है?
2030 तक इस क्षमता में 4-5 गुना वृद्धि होने की उम्मीद है।
कौन सी कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं?
गूगल और अमेजन जैसी वैश्विक कंपनियां भारत में डेटा सेंटर और एआई में निवेश कर रही हैं।
सरकार की डिजिटल इंडिया योजना क्या है?
यह योजना भारत में डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है, जिसमें क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास शामिल है।
क्या क्लाउड सेवाओं की सुरक्षा के लिए कोई उपाय हैं?
हां, सरकार ने क्लाउड सेवाओं की सुरक्षा के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्थाएं बनाई हैं।
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