क्या ट्रेन हादसों की संख्या में पिछले 11 वर्षों में 93 प्रतिशत की कमी आई है?
सारांश
Key Takeaways
- ट्रेन हादसों में 93 प्रतिशत की कमी हुई है।
- सुरक्षा बजट में तीन गुना वृद्धि।
- भारतीय रेलवे ने सुरक्षा उपाय किए हैं।
- दुर्घटनाओं की जांच राज्य पुलिस द्वारा।
- यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता।
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को जानकारी दी कि देश में ट्रेन हादसों की संख्या 2025-26 में (नवंबर 2025 तक) केवल 11 है, जबकि 2004-14 की अवधि में यह संख्या 1711 (औसतन 171 प्रति वर्ष) थी। यह 93 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है।
केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि भारतीय रेल ने सुरक्षा सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। इन उपायों के फलस्वरूप, दुर्घटनाओं की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। 2014-15 में 135 से घटकर 2024-25 में यह 31 तक आ गई है।
उन्होंने कहा कि भारतीय रेल में यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। किसी भी असामान्य घटना की गहन जांच की जाती है। तकनीकी कारणों के अलावा, अन्य संभावित कारणों की जांच के लिए राज्य पुलिस की सहायता ली जाती है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कुछ मामलों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से भी मार्गदर्शन लिया जाता है। हालाँकि, प्राथमिक जांच का कार्य राज्य पुलिस द्वारा किया जाता है। यह संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप है।
वर्ष 2023 और 2024 में रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ की सभी घटनाओं में, राज्य पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा मामले दर्ज किए गए। इसके बाद जांच की गई, अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और उन पर मुकदमा चलाया गया।
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सुरक्षा बजट लगभग तीन गुना बढ़कर 2013-14 के 39,463 करोड़ रुपए से वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1,16,470 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी को दर्शाता है।