क्या भारत की मजबूत घरेलू खपत और जीएसटी 2.0 सुधारों ने अमेरिकी टैरिफ के प्रभावों को कम कर दिया है?: रिपोर्ट

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क्या भारत की मजबूत घरेलू खपत और जीएसटी 2.0 सुधारों ने अमेरिकी टैरिफ के प्रभावों को कम कर दिया है?: रिपोर्ट

सारांश

भारत की घरेलू खपत और जीएसटी 2.0 के सुधारों ने अमेरिकी टैरिफ के प्रभावों को कम कर दिया है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे भारतीय बाजार ने विदेशी झटकों का सामना किया है। जानिए इस रिपोर्ट में और क्या खास है।

Key Takeaways

  • जीएसटी 2.0 सुधारों का सकारात्मक प्रभाव
  • घरेलू खपत में वृद्धि
  • अमेरिकी टैरिफ के बावजूद इक्विटी बाजार में वृद्धि
  • विदेशी निवेशकों का विश्वास
  • स्थिर आर्थिकी के संकेत

नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के मजबूत घरेलू फंडामेंटल, घरेलू खपत और जीएसटी 2.0 सुधारों ने अमेरिकी टैरिफ के संभावित प्रभाव को कम कर दिया है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी सुधार और आरबीआई द्वारा दरों में कटौती भारत के इक्विटी बाजार की वृद्धि के लिए सहायक होंगे और इसे बाहरी झटकों से बचाने में मदद करेंगे।

2025 के दौरान भारतीय आयातों पर अमेरिकी टैरिफ के बावजूद सेंसेक्स के बाजार पूंजीकरण में 66.5 अरब डॉलर की वृद्धि हुई।

विश्लेषकों का कहना है कि बाजार ने टैरिफ अनिश्चितता को ध्यान में रखा है और अब अंतर्निहित इकोनॉमिक फंडामेंटल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ की घोषणा शुरू करने के बाद जनवरी से अप्रैल की अवधि में सकारात्मक रिटर्न देने वाले चार देशों में हांगकांग, ब्राजील और चीन के साथ भारत भी शामिल था।

जनवरी से अप्रैल तक, अमेरिकी सूचकांक डॉव जोन्स और एसएंडपी 500 ने नुकसान दर्ज किया, जिससे बाजार मूल्य में 6.1 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट आई।

रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्टॉक मार्केट में 2025 के मध्य में तेजी से उछाल आया। अप्रैल में घोषित 90-डे टैरिफ पॉज, साथ ही ब्रिटेन, जापान, इंडोनेशिया और वियतनाम के साथ अमेरिकी व्यापार समझौते और चीन के साथ युद्धविराम समझौते के कारण अप्रैल से सितंबर तक बाजार में तेजी आई।

अमेरिका के अलावा, हांगकांग, चीन और थाईलैंड सहित व्यापार समझौतों के अधिकांश सदस्य देशों ने दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज की।

डॉव का बाजार पूंजीकरण इस वर्ष अब तक 2 ट्रिलियन डॉलर बढ़ा है, जबकि एसएंडपी 500 में 4.9 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है।

चीन के शंघाई कंपोजिट में 1.6 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है, जबकि जापान के निक्केई में 756.4 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है।

जेफरीज के इक्विटी स्ट्रैटेजी के ग्लोबल हेड क्रिस्टोफर वुड ने मंगलवार को कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की लगातार बिकवाली के बीच, घरेलू म्यूचुअल फंडों के प्रवाह ने इस वर्ष भारतीय इक्विटी को 20-30 प्रतिशत की गिरावट से बचाया है।

घरेलू निवेशकों के शुद्ध निवेश का अगस्त लगातार 25वां महीना रहा और वित्त वर्ष 2026 के पहले पांच महीनों में इक्विटी में 37.6 अरब डॉलर का निवेश किया गया।

Point of View

NationPress
17/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत की घरेलू खपत क्या है?
भारत की घरेलू खपत से तात्पर्य है देश में उपभोक्ताओं द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की खपत। यह आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
जीएसटी 2.0 सुधारों का क्या महत्व है?
जीएसटी 2.0 सुधार से कर प्रणाली में सुधार होगा, जिससे व्यापार में पारदर्शिता बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा।
अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव क्या हैं?
अमेरिकी टैरिफ का उद्देश्य आयातित वस्तुओं की लागत बढ़ाना है, जिससे घरेलू उत्पादकों को लाभ होता है, लेकिन यह वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता भी पैदा करता है।
भारतीय इक्विटी बाजार में वृद्धि का क्या कारण है?
भारतीय इक्विटी बाजार में वृद्धि के पीछे मजबूत घरेलू खपत, जीएसटी सुधार और विदेशी निवेशकों का विश्वास है।
क्या भारत अमेरिकी टैरिफ का सामना कर सकता है?
हाँ, भारत की मजबूत घरेलू खपत और सुधारों ने अमेरिकी टैरिफ के प्रभावों को कम करने में मदद की है।