क्या भारत ने सौर ऊर्जा में तीसरा स्थान और पवन ऊर्जा में चौथा स्थान हासिल किया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत सौर ऊर्जा में तीसरा और पवन ऊर्जा में चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- फायनेंस वर्ष 2024-25 में भारत ने 1,08,494 गीगावाट घंटे सौर ऊर्जा का उत्पादन किया।
- भारत की नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान अब 50.07 प्रतिशत है।
- राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में उच्चतम सौर ऊर्जा क्षमता है।
- भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 227 गीगावाट तक पहुंच गई है।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता के संदर्भ में विश्व में तीसरा स्थान प्राप्त कर लिया है। इसके साथ ही, देश पवन ऊर्जा में चौथा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। यह जानकारी मंगलवार को सरकार द्वारा साझा की गई।
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) के संदर्भ में बताया कि देश की स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता में भारत चौथे स्थान पर है, जबकि पवन और सौर ऊर्जा में क्रमशः चौथे और तीसरे स्थान पर है।
सरकारी बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने 1,08,494 गीगावाट घंटे सौर ऊर्जा का उत्पादन किया, जो कि जापान के 96,459 गीगावाट घंटे से अधिक है। इस दौरान, देश की सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता 38 गीगावाट से बढ़कर 74 गीगावाट हो गई है।
भारत की कुल स्थापित विद्युत क्षमता 484.82 गीगावाट में अब नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान 50.07 प्रतिशत पर पहुंच गया है। यह लक्ष्य सीओपी26 की प्रतिबद्धता है, जिसे भारत ने निर्धारित समय से पांच वर्ष पहले ही पूरा किया है।
भारत की संचयी सौर ऊर्जा क्षमता 2025 तक 119.02 गीगावाट है। इसमें भूमि पर स्थापित सौर संयंत्र की क्षमता 90.99 गीगावाट, ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सिस्टम की क्षमता 19.88 गीगावाट, हाइब्रिड परियोजनाओं से 3.06 गीगावाट और ऑफग्रिड सौर प्रतिष्ठानों से 5.09 गीगावाट की क्षमता शामिल है, जो नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार में देश की विविध दृष्टिकोण को दर्शाता है।
सरकार के अनुसार, भारत उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में स्थित है, जहां कर्क रेखा कई राज्यों से होकर गुजरती है। इससे देश में सौर ऊर्जा उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। भारतीय महाद्वीप की कुल सौर ऊर्जा क्षमता 748 गीगावाट है। राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में देश की सबसे अधिक सौर ऊर्जा क्षमता है, जो उन्हें भारत के स्वच्छ ऊर्जा विकास के प्रमुख चालक बनाती है।
इसके अलावा, सरकार ने बताया कि देश की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जुलाई 2025 तक 227 गीगावाट तक पहुंच गई है।