क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के लिए प्री-बजट बैठक की?
सारांश
Key Takeaways
- प्री-बजट बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर चर्चा हुई।
- बजट तैयारियों में विभिन्न सेक्टरों की आवश्यकताओं का ध्यान रखा गया।
- घरेलू खपत में सुधार का प्रगति पर सकारात्मक प्रभाव।
- सरकार के सुधारों से खपत बढ़ाने का प्रयास।
- जीएसटी दरों का युक्तिकरण उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को 13वीं प्री-बजट बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, मानव विकास और महिला सशक्तिकरण सेक्टर के प्रतिनिधियों से बातचीत की। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी साझा की।
इस बैठक का उद्देश्य उपरोक्त क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ आगामी बजट पर विचार-विमर्श करना था।
वित्त मंत्रालय द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किए गए एक पोस्ट में कहा गया, "केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में आगामी केंद्रीय बजट 2026-27 से संबंधित शिक्षा, स्वास्थ्य, मानव विकास और महिला सशक्तिकरण क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ 13वीं प्री-बजट बैठक की।"
इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव और भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार मौजूद थे।
आगामी बजट की तैयारियों के लिए वित्त मंत्री विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों के साथ लगातार बैठकें कर रही हैं।
इससे पहले वित्त मंत्री ने स्टार्टअप, पर्यटन और आतिथ्य तथा अर्थशास्त्रियों के साथ प्री-बजट बैठक की थी।
इस बार का बजट अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि सरकार विभिन्न सुधारों के माध्यम से खपत को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।
पीएल कैपिटल द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कंपनियों के सकारात्मक प्रदर्शन, अच्छी त्योहारी मांग, नीतिगत समर्थन और बदलते व्यापक आर्थिक माहौल के चलते भारत के कॉरपोरेट्स की आय में आने वाले समय में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में अपेक्षाकृत बेहतर कॉर्पोरेट आय, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ टैरिफ विवादों के समाधान में प्रगति की उम्मीद, और चल रहे त्योहारी और शादी के मौसम के दौरान घरेलू खपत में सुधार निफ्टी को 29,000 के स्तर तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
घरेलू खपत में सुधार को सितंबर 2025 में लागू की गई जीएसटी दरों के युक्तिकरण द्वारा भी समर्थन मिला है, जिससे कई उपभोक्ता श्रेणियों में प्रभावी खुदरा मूल्य कम हुआ है और शहरी एवं ग्रामीण बाजारों में खर्च बढ़ा है।