क्या भारतीय शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ खुला है, आईटी शेयरों में गिरावट क्यों आई?

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क्या भारतीय शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ खुला है, आईटी शेयरों में गिरावट क्यों आई?

सारांश

सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में हल्की गिरावट देखने को मिली, जहां आईटी सेक्टर के शेयरों ने चिंताजनक संकेत दिए। क्या यह गिरावट बाजार के लिए एक नया मोड़ है? जानिए इस लेख में।

Key Takeaways

  • सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार में मामूली गिरावट हुई।
  • आईटी शेयरों में गिरावट आई, मुख्यतः एच-1बी वीजा नियमों के कारण।
  • निफ्टी और सेंसेक्स ने महत्वपूर्ण स्तर बनाए रखे हैं।
  • कम ब्याज दरों से संभावित खपत वृद्धि हो सकती है।
  • अमेरिकी बाजार में बढ़त देखने को मिली है।

मुंबई, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में हल्की गिरावट देखी गई। नए अमेरिकी एच-1बी वीजा नियमों को लेकर चिंताओं के कारण आईटी शेयरों में गिरावट का सामना करना पड़ा।

सुबह लगभग 9.26 बजे सेंसेक्स 189 अंक या 0.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82,772 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 40 अंक या 0.16 प्रतिशत की कमी के साथ 25,286 पर था।

सुबह के सत्र में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा और कोफर्ज जैसे आईटी दिग्गजों के शेयरों में गिरावट देखी गई।

अमेरिकी सरकार ने कहा है कि जिन वीजा धारकों को अपने देश लौटना है, उन्हें 1 लाख डॉलर की फीस का भुगतान नहीं करना होगा, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों को थोड़ी राहत मिली है।

व्हाइट हाउस ने जानकारी दी कि वीजा फीस एक बार का भुगतान होगा, जो नए लॉटरी चक्र (मार्च-अप्रैल 2026) से नए आवेदनों पर लागू होगा। यह रिन्यूअल पर लागू नहीं होगा।

इस बीच, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 0.05 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 0.12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

टॉप लूजर्स की सूची में टेक महिंद्रा, टीसीएस, टाटा मोटर्स, अपोलो हॉस्पिटल और डॉ रेड्डीज लैब्स शामिल हैं।

सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी आईटी ने 2.68 प्रतिशत की सबसे अधिक गिरावट दर्ज की। निफ्टी फार्मा 0.45 प्रतिशत और निफ्टी हेल्थकेयर 0.33 प्रतिशत गिरा। बाकी सभी सेक्टोरल इंडेक्स मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।

निफ्टी इंडेक्स 25,300 के स्तर से ऊपर बना हुआ है, जबकि पिछले सत्र में यह 25,327 पर बंद हुआ था। इंडेक्स अपने प्रमुख मूविंग एवरेज - 20-डे, 50-डे और 200-डे ईएमए से ऊपर बना हुआ है, जो बाजार में तेजी के रुख को दर्शाता है।

विश्लेषकों का अनुमान है कि जब तक इंडेक्स इन औसत स्तरों से ऊपर रहेगा, तब तक सेंटीमेंट पॉजिटिव रहेगा। तत्काल प्रतिरोध पहले 25,500 पर है, इसके बाद 25,600 और 25,850 का जोन है। सपोर्ट 25,000 और 25,150 जोन पर है।

उन्हें कहना है कि मार्केट में मिला-जुला प्रदर्शन देखने को मिल सकता है, क्योंकि एच-1बी वीजा मुद्दे से आईटी सेक्टर प्रभावित हो सकता है और आज से कम जीएसटी दरों से खपत बढ़ने की संभावना से घरेलू खपत थीम पॉजिटिव हो सकती है।

उनके अनुसार, मौजूदा कम ब्याज दर की नीति खपत को बढ़ावा देगी और क्रेडिट की मांग में भी बढ़ोतरी करेगी, जिससे फाइनेंशियल कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ेगी।

अमेरिकी मार्केट में पिछले ट्रेडिंग सत्र में नैस्डैक 0.72 प्रतिशत, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.49 प्रतिशत और डाउ 0.37 प्रतिशत बढ़ा।

सुबह के सत्र में अधिकांश एशियाई मार्केट हरे रंग में कारोबार कर रहे थे। चीन का शंघाई इंडेक्स 0.07 प्रतिशत और शेन्जेन 0.17 प्रतिशत की बढ़त में रहे। जापान का निक्केई 1.45 प्रतिशत बढ़ा, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 0.82 प्रतिशत गिरा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.06 प्रतिशत बढ़ा।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 390.74 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 2,105.22 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारतीय शेयर बाजार में मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए हमें सतर्क रहना चाहिए। आईटी सेक्टर पर अमेरिकी नीति के प्रभाव और स्थानीय खपत की संभावनाएं हमें एक नया दृष्टिकोण देती हैं।
NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय शेयर बाजार में आज की गिरावट का कारण क्या है?
आज की गिरावट का मुख्य कारण नए अमेरिकी एच-1बी वीजा नियमों को लेकर चिंताएं हैं, जिससे आईटी शेयरों में कमी आई है।
क्या निफ्टी और सेंसेक्स में गिरावट जारी रहेगी?
विश्लेषकों का मानना है कि यदि निफ्टी और सेंसेक्स अपने महत्वपूर्ण स्तरों से ऊपर बने रहते हैं, तो सकारात्मक सेंटीमेंट बना रह सकता है।
आईटी सेक्टर में किस तरह का प्रदर्शन देखा गया?
आईटी सेक्टर में टीसीएस, इंफोसिस, और टेक महिंद्रा जैसे प्रमुख शेयरों में गिरावट आई है।
अमेरिकी बाजार में क्या हालात हैं?
पिछले ट्रेडिंग सत्र में अमेरिकी बाजार में नैस्डैक, एसएंडपी 500 और डाउ में बढ़त देखी गई है।
क्या कम ब्याज दरों का प्रभाव होगा?
कम ब्याज दरों से घरेलू खपत बढ़ने की संभावना है, जिससे फाइनेंशियल कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ सकती है।